काबुल। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने देश की सूरत बदल दी है। पूरे देश में लड़कियों की पढ़ाई पर पाबंदी लगा दी है। उन्हें बुर्के में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। एक ओर तालिबानी राज में जहां अफगानी बहू-बेटियों पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं दी है, वहीं दूसरी ओर, तालिबानी नेता अपनी बेटियों को विदेशों में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने अपनी बेटियों को मेडिकल-इंजीनियरिंग और अन्य विषयों की पढ़ाई के लिए दूसरे देशों में भेजा है। यह बात तालिबान के मुख्य प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने स्वयं स्वीकार की है। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने मीडिया के सामने आकर अफगानिस्तान की महिलाओं पर लगने वाली नई-नई पाबंदियों का ऐलान किया। उन्होंने स्वीकार किया है कि अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध के बावजूद उनकी बेटियां स्कूल जाती हैं। उन्होंने एक टीवी शो में खुलासा किया है। सुहैल शाहीन के इस खुलासे के बाद तालिबान की हिप्पोक्रेसी जाहिर होती है कि एक तरह वह अफगानिस्तान की तमाम लड़कियों को इस्लामी आदेश के नाम पर मूर्ख बनाकर रखना चाहता है, लेकिन यही तालिबानी नेता अपनी बेटियों को पढ़ा-लिखा रहे हैं, ताकि उनकी तरक्की हो सके। टीवी एंकर पीयर्स मॉर्गन अनसेंसर्ड द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए शो की एक क्लिप के मुताबिक, मॉर्गन ने तालिबान के प्रवक्ता से पूछा था कि क्या उनकी बेटियों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति दी गई है। जिसके जवाब में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा हां बिल्कु्ल। वे हिजाब में दिख रही हैं और इसका मतलब है कि हमने अपने लोगों के लिए कड़े नियम नहीं बनाए हैं।टीवी शो में तनावपूर्ण बातचीत के दौरान एंकर ने तालिबान के मुख्य प्रवक्ता और बड़े नेता सुहैल शाहीन को कहा आपकी बेटियों को शिक्षा मिलती है क्योंकि वे वही करती हैं जो आप उन्हें बताते हैं। आपको बता दें, सुहैल शाहीन की दो बेटियां हैं और दोनों कतर की राजधानी दोहा में पढ़ाई करती हैं। इतना ही नहीं, जिस स्कूल में सुहैल शाहीन की बेटियां पढ़ती हैं, उसमें लड़कियां फुटबॉल तक खेलती हैं। लड़कियों को अलग अलग तरह की शिक्षा दी जाती है।एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के दो दर्जन से अधिक शीर्ष नेता अपनी बेटियों को दोहा, पेशावर और कराची के स्कूलों में शिक्षा दे रहे हैं। इन नेताओं में स्वास्थ्य मंत्री कलंदर एबाद, उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई और प्रवक्ता सुहैल शाहीन शामिल हैं। सोशल मीडिया यूजर्स ने क्लिप पर प्रतिक्रिया करते हुए तालिबान को पाखंडी करार दिया है। एक ट्विटर यूजर ने कहा इस आदमी की बेटियां हिजाब पहनती हैं, और शिक्षा प्राप्त करती हैं। इस शख्स की एक बेटी कतरी फुटबॉल टीम में खेलती है और इस शख्स की एक बेटी का बॉयफ्रेंड भी है। लेकिन, अफगान लड़कियों के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है और उनकी पढ़ाई-लिखाई बंद करवा दी गई है, और वे खेल नहीं खेल सकतीं’।वहीं, एक और ट्विटर यूजर ने कहा तालिबान अपने बच्चों को स्कूल जाने और दूसरों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देता है। तालिबान के पिछले वादों के बावजूद अफगानिस्तान में स्कूल अभी भी लड़कियों के लिए फिर से नहीं खोले गए हैं कि वे अपनी शिक्षा फिर से शुरू कर पाएंगे।
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