प्योंगयांग। उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं। कोरोना के मामलों को देखते हुए तानाशाह किम जोंग उन ने देश भर में लॉकडाउन लगा रखा है। रविवार को लॉकडाउन के चौथे दिन देश भर में 42 लोगों की मौत हुई। 296,180 लोगों में बुखार के लक्षण मिले हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए तानाशाह कि जोंग ने इसे एक बड़ी आपदा बताया है। शनिवार को एंटी-वायरस रणनीतियों पर एक बैठक के दौरान किम जोंग ने इसे ऐतिहासिक रूप से बहुत बड़ा व्यवधान बताया। किम जोंग ने सरकार और लोगों के बीच एकता का आह्वान किया है, ताकि इस स्थिति को जल्द से जल्द ठीक किया जा सके। उत्तर कोरिया में कोरोना के मामले बढ़ना पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है, क्योंकि यहां की स्वास्थ्य सुविधा बेहद खराब है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो सकते हैं।उत्तर कोरिया पिछले दो सालों से कह रहा था कि उसके यहां कोरोना के कोई मामले नहीं हैं। लेकिन गुरुवार को उसने माना है कि वह एक विस्फोटक कोविड-19 के प्रकोप से जूझ रहा है। पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात यह है कि यहां की 2.5 करोड़ आबादी को अब तक टीका नहीं लगा है, जिसके चलते कोरोना वायरस से स्थिति गंभीर हो सकती है। देश के सभी प्रांतों, शहरों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। 12 मई की सुबह से काम करने वाली इकाइयां, उत्पादन इकाइयां और आवासीय इकाई पूरी तरह बंद हैं। सभी नागरिकों की टेस्टिंग की जा रही है। उत्तर कोरिया ने चीन की वैक्सीन के ऑफर को ठुकरा दिया था। इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी वैक्सीन की पेशकश की थी, लेकिन तानाशाह किम जोंग ने उसे भी मना कर दिया था। उत्तर कोरिया में डब्ल्यूएचओ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि उन्होंने पिछले साल देश को कोविड रिस्पॉन्स प्लान बनाना बताया था। मुश्किल की घड़ी में दक्षिण कोरिया भी उत्तर कोरिया को वैक्सीन भेजने की पेशकश कर रहा है। हालांकि दक्षिण कोरिया प्रशासन ने माना है कि अभी इसे लेकर उत्तर कोरिया से कोई चर्चा नहीं हो सकी है।
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