मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)। अप्रैल में महंगाई दर के आठ साल के उच्चतम स्तर 7.79 फीसदी पर पहुंचने के बाद चालू वित्त वर्ष में रेपो दर एक फीसदी बढ़ा सकता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने यह संभावना जताई है। क्रिसिल की शोध इकाई ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच सकती है, जो केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर छह फीसदी से अधिक है। रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में बढ़ती मुद्रास्फीति को नियंत्रण में करने के लिए रेपो दर को 0.4 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था। अगस्त, 2018 के बाद पहली बार रेपो दर को बढ़ाया गया है। अब महंगाई में तेजी से वृद्धि के चलते रेपो रेट में और इजाफा हो सकता है। जिससे लोन ईएमआई और बढ़ जाएगी। वित्त वर्ष 2022-23 में मुद्रास्फीति व्यापक हो सकती है। इससे खाद्य वस्तुओं, ईंधन और मुख्य क्षेत्रों में महंगाई बढ़ेगी। इसलिए संभावना है कि रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष में रेपो दर में 0.75 से एक प्रतिशत की और बढ़ोतरी करे।
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