जौनपुर। तिलकधारी महाविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्र नायक के रूप में महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई । अमृत महोत्सव समिति की संयोजक डॉ0 माया सिंह के नेतृत्व में किया गया। संयोजक ने महाराणा प्रताप के बारे में चर्चा करते हुए उनके जुझारू एवं धर्मनिरपेक्षत तथा मातृभूमि के लिए त्याग और बलिदान को महत्वपूर्ण बताया। सैन्य विज्ञान विभाग की प्रो0 शिखा श्रीवास्तव ने महाराणा प्रताप के शौर्य और स्वाभिमान की चर्चा करते हुए देश का ऐसा महान योद्धा बताया जिसे अकबर 30 वर्षों के नीति-अनीति के बावजूद बंदी बनाने में असफल रहा । डॉ0 रीता सिंह ने महाराणा प्रताप को मातृभूमि के सच्चे सपूत और देश में छुआछूत दूर करने वाले आदर्शवादी राजा बताया। शिक्षा विभाग के ही डॉ अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि वीर योद्धा राणा प्रताप ने राष्ट्रीय स्वाभिमान को जागृत किया। मनोविज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक राजेंद्र गुप्ता ने अपने व्याख्यान में राणा प्रताप के स्वाभिमान और कभी हार ना मानने के गुणों को आज के युवाओं को अपने व्यक्तित्व में आत्मसात करने को कहा जिससे जीवन के कठिन से कठिन परिस्थितियों में लड़ते हुए सफलता प्राप्त की जा सके। शिक्षा विभाग की डॉ0 कुसुम लता पटेल ने महाराणा प्रताप को भारत का महान विभूति बताते हुए कहा कि महाराणा प्रताप जैसा दूसरा कोई नहीं है । भूगोल विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ0 आशिया परवीन ने बताया कि महाराणा प्रताप लगभग सभी जातियों धर्मों का सम्मान करते थे तथा सबको साथ लेकर युद्ध करते थे साथ में ही वे महिलाओं का सम्मान करने वाले राजा थे जो दूसरे राजाओं पर विजय हासिल करने के बाद भी उनकी रानियों को बंदी बनाने के बजाय स सम्मान वापस भेज देते थे प्राध्यापक डॉ0 जयप्रकाश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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