एक यूनिट रक्त से बच सकती है तीन जिंदगी: एसीएमओ

चित्रकूट। इंडियन रेडक्रास सोसाइटी के अध्यक्ष डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ला के निर्देशन में रविवार को अन्तर्राष्ट्रीय रेडक्रास दिवस के अवसर पर जागरूकता संगोष्ठी, फल वितरण कार्यक्रम हुआ।अन्तर्राष्ट्रीय समाजसेवी संस्था रेडक्रास के जनक जीन हेनरी डयूनेंट के जन्म दिवस के अवसर पर विश्व रेडक्रास दिवस मनाया जाता है। आज ही के दिन संस्था की नींव रखी गयी थी। जिला संयुक्त चिकित्सालय के वार्डों में मौजूद लोगों को फल वितरण के पश्चात् जागरूकता संगोष्ठी हुई। एसीएमओ नोडल् डा. बीके अग्रवाल ने रक्तदान पर प्रकाश डालते हुये कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जो 18 वर्ष से अधिक है और किसी भी बीमारी से ग्रसित नहीं है उन्हे अवश्य रक्तदान करना चाहिये। रक्तदान से जरूरतमंदो की जान बचाई जा सकती है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेश कुमार खरे ने कहा कि कम से कम तीन माह के अन्तराल में प्रत्येक स्वस्थ्य व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। एक यूनिट रक्तदान से तीन लोगों की जिंदगी बचायी जा सकती है। रक्त दान महादान है।रेडक्रास सोसाइटी के सचिव केशव शिवहरे ने कहा कि जिला संयुक्त चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक में अनवरत् रक्तदान शिविर चलेगा। स्वैच्छिक रक्तदाताओं से अपील है कि चिकित्सालय आकर रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान करने वाले महादानिओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जायेगा। रक्तदान करने से खून तेजी से बनता है। हार्ट अटैक की सम्भावना कम हो जाती है, क्योंकि रक्तदान से खून पतला हो जाता है। जिससे ब्लाकेज के अवसर कम हो जाते हैं। इसलिये ज्यादा से ज्यादा लोग रक्तदान करें। ब्लड बैंक प्रभारी डा. शैलेन्द्र कुमार ने विश्व थैलेसीमिया दिवस की इस वर्ष की थीम पर प्रकाश डालते हुये कहा कि थैलेसीमिया अनुवांशिक रक्त रोग है। इस रोग की पहचान थैलेसीमिया बच्चों में तीन माह पश्चात् ही हो पाती है। जिससे बचाव के लिए विवाह के पूर्व महिला व पुरूष को रक्त की जांच अनिवार्य रूप से करना चाहिये। समय पर दवाईयां और इसका पूर्ण उपचार कराएं। महिलाओं को विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान इसकी जांच अवश्य करानी चाहिये। संगोष्ठी में डा. पीडी चैधरी, वरिष्ठ परामर्शदाता, डा. रामरतन, धीरेन्द्र सिंह, विशाल कुमार द्विवेदी, शंकरदीन, नाजिश वसीम, लक्ष्मी सागर, कृष्णा, राकेश कुमार, ब्रजेश कुमार, रवि शंकर मिश्र आदि उपस्थित रहे।