मां नहीं बन पाने वाली महिला हो रही हार्ट अटैक का शिकार

नई दिल्ली। ताजा शोध से पता चला है कि जिन औरतों में बांझपन यानी इनफर्टिलिटी की समस्या होती है, उन्हे हार्ट फेल का खतरा ज्यादा है। अध्ययन के मुताबिक, जिन महिलाओं में बांझपन की समस्या होती है उनमें हार्ट फेल होने की संभावना अन्य महिलाओं की तुलना में 16 फीसदी अधिक होती है। वहीं जिस महिला को गर्भ के दौरान परेशानी हो तो बाद के सालों में उसे दिल की बीमारी होने का जोखिम बढ़ जाता है। इस शोध के दौरान दो तरह की हार्ट फेल होने की स्टडी की गई है। पहला प्रिजर्वेड इंजेक्शन फ्रंक्शन के साथ हार्ट अटैक जिसमें दिल की मांसपेशियां खून पंप करने के बाद पूरी तरह फैल नहीं पातीं। दूसरा हार्ट फेल्योर विद रिडयूस्ड इंजेक्शन फ्रंक्शन । इसमें बाएं वेंट्रीकल यानी दिल के निचले भाग के कोष से हर धड़कन के बाद जितना खून शरीर में जाना चाहिए, वो नहीं जा पाता। महिलाओं में हार्ट फेल के ज्यादातर मामले एचएफपीईएफ के ही होते हैं। शोध करने वाली टीम की लीडर और मैसाचूसेट्स जनरल हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। एमिली लाउ के मुताबिक जिन महिलाओं में बच्चे पैदा न कर पाने की समस्या होती है, उनमें हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी होने के चांस ज्यादा होते हैं। उनका कहना है कि महिलाओं में बच्चे पैदा न कर पाने की क्षमता का कुछ नहीं किया जा सकता लेकिन भविष्य का ध्यान तो रखा ही जा सकता है ताकि उन्हें दिल की बीमारियों से बचाया जा सके। जब एक औरत किसी कारणवश या किसी कमी के कारण गर्भधारण करने में असमर्थ होती है और प्राकृतिक रूप से मां बनने में असमर्थ होती है तो इसे महिला बांझपन कहते हैं । यह कहा जाता है कि एक नए जीवन की शुरुआत औरत के गर्भधारण करने से होती है। कुछ स्त्रियों को एक शिशु को जन्म देने के बाद दूसरी बार गर्भधारण करने में मुश्किलें आती हैं। इस तरह बांझपन दो प्रकार के होते हैं। महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होने के कारण भी इनफर्टिलिटी हो सकती है। शरीर में सामान्य हार्मोनल परिवर्तन ना हो पाने की स्थिति में अंडाशय से अंडे नहीं निकल पाते हैं। तनाव,उम्र, आधुनिक जीवन शैली इत्यादि इसका कारण होते हैं। यदि किसी महिला के गर्भाशय में कुछ समस्याएं जैसे पोलिप, रसौली, निशान, आसंजन, आस्थानिक गर्भावस्था इत्यादि हैं, तो यह गर्भावस्था में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।ज्यादा मात्रा में ड्रग या शराब का सेवन करने से फर्टिलिटी कम हो सकती है। इसके साथ में ये दोनों ही चीजें भ्रूण बनने की स्थिति को प्रभावित करती हैं। अगर किसी महिला का मासिक धर्म 35 दिन या इससे ज्यादा दिन का हो तो ये बांझपन का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा बहुत कम दिनों की माहवारी या 21 दिन से पहले माहवारी का आना अनियमित माहवारी कहलाता है जोकि बांझपन बन सकता है। चेहरे पर अनचाहे बाल आना या सिर के बालों का झड़ना भी महिलाओं में इनफर्टिलिटी की वजह से हो सकता है। बता दें कि किसी भी महिला के जीवन में, माँ बनने का आशीर्वाद सबसे बड़ा होता है। लेकिन बदलते लाइफस्टाइल और खानपान के चलते बहुत से महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती। एक या दो नहीं बल्कि कई महिलाएं इस परेशानी से जूझ रही हैं।