चित्रकूट। जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पोषण समिति की बैठक संपन्न हुई। इस दौरान उन्होंने विभिन्न बिन्दुओ पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कुछ सुपरवाइजर हैं जो रुचि नहीं ले रहे हैं और रिपोर्ट भी नहीं दे रहे हैं। अगर सुपरवाइजर नहीं है तो किसी को लगाकर कार्य करें। फील्ड में जाकर समस्याएं देखें। दवाएं व संसाधन उपलब्ध कराएं। जहां महिलाएं हैं वहां आशाओं को भेजें। औपचारिकता न निभाए। वैक्सीनेशन से बचे बच्चों को घर जाकर बुलाएं। उन्होंने यह भी कहा कि 10 से 19 साल की बच्चियां जो विद्यालय नहीं जाती हैं उनको आयरन की गोली मिली है कि नहीं उनका मोबाइल नंबर नोट करें। सीडीपीओ आंगनवाड़ी से कहें। उन्होंने बताया कि जनपद में 241 सैम बच्चे रह गए हैं। इनका भी फीडिंग कराएं। जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से स्कूलों की सूची लेकर माइक्रो प्लान बनाकर कार्य करें। कहा कि इसकी मानिटरिंग भी कहते रहे। उन्होंने यह भी कहा कि जिसकी इच्छा जो होती है वह कर लेता है, लेकिन इसकी समीक्षा होनी चाहिए। सरकार इस पर पैसे काफी खर्च करती है। इसका कोई परिणाम तो मिले। आयुष्मान गोल्डन कार्ड पर उन्होंने कहा कि एक डिवाइस के माध्यम से कार्ड बनाया जाएगा। पंचायत भवन में 4 लाख 70 हजार में 1 लाख 60 हजार कार्ड बना है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अमित आसेरी, अपर जिलाधिकारी कुंवर बहादुर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी भूपेंद्र द्विवेदी आदि संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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