भाजपा नेता आशीष शेलार के दावे के बाद अचानक उद्धव से मिलने पहुंचे शरद पवार, मौजूदा सियासी मुद्दों पर की चर्चा

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ पर जाकर उनसे मुलाकात की और राज्य में हाल के राजनीतिक घटक्रम पर चर्चा की। शिवसेना के एक नेता ने बताया कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने राणा दंपति (अमरावती की सांसद नवनीत कौर राणा और उनके पति रवि राणा) से जुड़े विवाद और राज ठाकरे की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की।​शिवसेना नेता ने कहा पवार और मुख्यमंत्री ठाकरे ने राज ठाकरे की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने वाली मांग पर चर्चा की। राज ठाकरे को मनाने के लिए कई दूत भेजे गए इसके बाद भी वह किसी की सुनना नहीं चाहते हैं। यह बैठक भाजपा नेता आशीष शेलार के उस दावे की पृष्ठभूमि में भी हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा 2017 में राकांपा के साथ हाथ मिलाने वाली थी लेकिन राकांपा ने मांग की थी कि वह पहले शिवसेना के साथ अपने संबंध तोड़े जो उस समय भाजपा का सहयोगी दल था।सूत्रों की मानें तो शिवसेना नेतृत्व इस बात से नाराज है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने भाजपा नेता आशीष शेलार के इस दावे का खंडन नहीं किया है। इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे 1 मई को औरंगाबाद में जनसभा करने वाले हैं। शिवसेना ने मनसे की रैली को लेकर शुक्रवार को कहा कि वह किसी भी तरह की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दे सकती है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने नाम लिए बिना राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि मुस्लिम मतों के विभाजन के लिए भाजपा, असदुद्दीन ओवैसी का इस्तेमाल करती है। अब शिवसेना के हिंदुत्व पर हमला करने के लिए भाजपा द्वारा कुछ ‘हिंदू ओवैसी’ बनाए गए हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और देवेंद्र फडनवीस सरकार में मंत्री रहे सुधीर मुनगंटीवार ने आशीष शेलार के दावे की पुष्टि की है। उन्होंने कहा साल 2017 में शिवसेना का साथ छोड़ राकांपा के साथ गठबंधन न करना भाजपा की चूक थी। जिसका अब हम प्रायश्चित कर रहे हैं। चंद्रपुर में 28 अप्रैल को सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फडणवीस सरकार के विश्वास मत के दौरान राकांपा ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को समर्थन दिया था, जिसके बाद साल 2017 में भाजपा और राकांपा के गठजोड़ वाली सरकार बनाने के विकल्प पर चर्चा हुई थी। इसके बाद सरकार बनाने के लिए कुछ तैयारी भी हुई थी।सुधीर मुनगंटीवार ने कहा लेकिन पार्टी के भीतर मेरे सहित कई नेताओं का विचार था कि भाजपा की तत्कालीन सहयोगी शिवसेना को छोड़कर राकांपा के साथ सरकार बनाना उचित नहीं होगा। उस समय भाजपा ने शिवसेना का साथ नहीं छोड़ा। आशीष शेलार के बयान में तथ्य है। क्योंकि मैं खुद सभी घटनाक्रमों का गवाह रहा हूं। सन 2017 में राकांपा के साथ गठजोड़ न करना चूक थी, जिसका हमें पछतावा है। शेलार और मुनगंटीवार के दावे पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा उन्होंने इसका खुलासा करने के लिए साल 2022 तक इंतजार क्यों किया? जनता को पुरानी बातों में कोई रुचि नहीं होती। हमें राज्य की महत्वपूर्ण समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए।