मुंबई। सेमीकंडक्टर की कमी के चलते गाड़ियों की लंबी वेटिंग को देखते हुए टाटा ने एक बड़ा फैसला किया है कि वह सेमीकंडक्टर बनाएगी। टाटा मोटर्स ने घोषणा की कि वह अपने पोर्टफोलिया में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ाने की योजना बना रही है, इसके लिए कंपनी ने अविन्या के कॉन्सेप्ट से पर्दा उठाया है। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी बैटरी और सेमीकंडक्टर बनाने में निवेश बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। जब देश में ही बड़े लेवल पर सेमीकंडक्टर और बैटरियां बनेंगी तो इससे कीमतों में गिरावट भी देखी जा सकती है। आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही कार कारोबार को मजूबत करेंगी। पिछले कुछ सालों में इसमें तेजी देखने को मिली है। उन्हें उम्मीद है कि 2030 तक कंपनी के पोर्टफोलियो में करीब 30 फीसदी सेल इलेक्ट्रिक कारों की होगी। उन्होंने अविन्या यानी नवाचार के बारे में बताते हुए कहा कि इसकी लॉन्चिंग 2025 में होगी। इसके जरिए गाड़ियों का माइलेज बढ़ जाएगा और सिर्फ एक ही चार्ज में गाड़ी 500 किलोमीटर तक चलेगी। यह पहला पूरी तरह से इलेक्ट्रिक प्लेटफॉर्म होगा, जो गाडियों को एक नया स्टाइल और लुक भी देगा। उनके अनुसार कंपनी के लिए वैश्विक बाजार में बहुत मौके हैं, ऐसे में टाटा ग्लोबल बेंचमार्क को ध्यान में रखते हुए ही गाड़ियों को डिजाइन कर रही है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बैटरियां बनाने की योजना बन चुकी है और जल्द ही वह बैटरियां बनाने की पहल को शुरू करने वाले हैं। टाटा ग्रुप की योजना है कि वह इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रोजेक्ट में तमाम इन-हाउस कंपनियों को भी शामिल करेगा। टाटा मोटर्स के अलावा इस प्रोजेक्ट में टीसीएस, टाटा पावर, टाटा कैमिकल्स और टाटा एलक्सी जैसी कंपनियों को भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया जाएगा। अविन्या के बारे में और बोलते हुए टाटा मोटर्स के एमडी शैलेश चंद्र ने कहा कि ये कारें नई तकनीक, सॉफ्टवेयर और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के साथ आती हैं। टाटा मोटर्स अभी नेक्सन और टिगोर का इलेक्ट्रिक वर्जन बेचती है, जो पेट्रोल और डीजल वैरिएंट में भी उपलब्ध हैं। टाटा मोटर्स की घरेलू सेल्स वित्त वर्ष 2022 में करीब 67 फीसदी बढ़ी है। कंपनी ने 2021 के 2.2 लाख यूनिट की सेल के मुकाबले 2022 में 3.7 लाख गाड़ियां बेची हैं।
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