बहराइच। बूूंद-बूंद से गागर भरने की कहावत को चरितार्थ करने के लिए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र द्वारा आकांक्षातमक जनपद के लिए एक अभिनव पहल की गयी है। जिलाधिकारी ने अपनेे सरकारी आवास तथा कार्यालय परिसर में लगे हुए पेड़ पौधों से झड़ने वाली सूखी और निष्प्रयोज्य पत्तियों तथा अवशेषों को एकत्र करवा कर पराली/फसल अवशेष एवं पौधों की पत्तियों का उपयोग कर पिलेट्स का निर्माण करने वाली जिले की नामचीन इण्डस्ट्री मेसर्स विपुल इंडस्ट्रीज, आसाम चैराहा, रिसिया बहराइच के हवाले कर कम्पनी के प्रबन्धक राम रतन अग्रवाल से रू. 09 हज़ार 975 का चेक प्राप्त किया। विपुल इंडस्ट्रीज से प्राप्त होने वाली धनराशि को कलेक्ट्रेट तथा आवास पर पौध रोपण के लिए खर्च होगी ताकि आने वाले समय में जहॉ एक ओर हमारी धरा सुन्दर व जीवंत बनी रहे वहीं दूसरी ओर आय में भी इज़ाफा हो।जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र की यह पहल कृषि प्रधान जनपद के किसानों के लिए एक नसीहत बनेगी कि वे भी अपने खेत-खलिहानों से पेड़ पौधों की पत्तिया, फसल अवशेष विशेष कर गन्ना की पत्ति व पराली इत्यादि को एकत्र कर पिलेट्स का निर्माण करने वाली इकाई को बेच कर जहॉ अपने लिए अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं वहीं उनके द्वारा ऐसा करने से पर्यावरण प्रदूषण को कम करने, आग लगने की घटनाओं को न्यून से न्यूनतम करने, आवासीय परिसर तथा कार्यस्थल के आस-पास के वातावरण को ईकोफ्रेंडली बनाने के साथ साथ जनस्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहयोग कर सकते हैं। इस पूरी कवायद के दूसरे पक्ष पर अगर नज़र डाली जाय तो आपूर्तिकर्ता ईकाई तैयार किये गये पिलेट्स की आपूर्ति एनटीपीसी के ऊर्जा संयंत्रों को करेगी। जिससे किसानों का यह प्रयास अपनी आय में वृद्धि के साथ साथ राष्ट्रनिर्माण के भी काम आयेगा। शायद इसी को कहते हैं कि आम के आम और गुठलियों के दाम। उल्लेखनीय है कि वृहस्पतिवार को देर शाम जिलाधिकारी ने अपने सरकारी आवास पर स्वयं, मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, उप कृषि निदेशक टी.पी. शाही, न.पा.परि. बहराइच की अ.अभि. नेहा खान, डा. पीयूष नायक तथा अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के श्रमदान से एकत्र की गयी पत्तियों व फसल अवशेष को एकत्र कर नगर पालिका परिषद द्वारा उपलब्ध कराये वाहन पर लोड़ कराकर विपुल इण्डस्ट्रीज को भिजवाया। जिलाधिकारी का यह प्रयास आवास तक ही सीमित न रहा। शुक्रवार को भी यह सिलिसिला कलेक्ट्रेट परिसर में जारी रहा। जहॉ पर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, उप निदेशक कृषि के साथ परिसर के अवशेष को एकत्र कर इंडस्ट्री को भिजवाया। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र द्वारा जनपद के कृषको, बागान मालिकान व वन विभाग सहित अन्य विभागो से अपील की है कि पराली/फसल अवशेषों, पेड़-पौधों की पत्तियों को कदापि आग के हवाले न करें बल्कि उसकी बिक्री कर लाभ अर्जित करें। जिससे पर्यावरण प्रदूषण पर विराम लगने के साथ-साथ आग की घटनाओं पर अंकुश लग सके। मेसर्स विपुल इंडस्ट्रीज के मालिक रामरतन अग्रवाल ने बताया कि इंडस्ट्रीज द्वारा जनपद में फसल अवशेष का 79 लाख रूपये किसानों को भुगतान किया गया है।
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