नई दिल्ली। यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते जहां यूक्रेन में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है, वहीं एक बार फिर भारतीय छात्रों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस बार परेशानी भारत-रूस के बीच सीधी विमान सेवाएं बंद होने के कारण होने वाली हैं। छात्रों के अलावा रूस नौकरी और व्यापार के लिए जाने वाले भारतीयों की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कहना है कि स्थिति चिंताजनक है और सरकार इस मामले को देख रही है। भारत-रूस के बीच वर्तमान में सिर्फ एयर इंडिया और रूस की विमान कंपनी एयरोप्लोट की ही सीधी विमान सेवाएं हैं। एयर इंडिया की उड़ानें एक अप्रैल से निलंबित चल रही हैं। उड़ानें कब शुरू होंगी, ये भी स्पष्ट नहीं है। रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण एयर इंडिया को अंतरराष्ट्रीय बीमा कंपनियां रि-इश्योरेंस प्रदान नहीं कर रही हैं। एयर इंडिया इसका विकल्प तलाशने के साथ-साथ सरकार से भी मदद की गुजारिश कर रही है। एयर इंडिया की उड़ानें बंद होने के साथ-साथ आगे की बुकिंग भी अभी रुकी हुई है। रूसी एयरलाइंस एयरोफ्लोट इंश्योरेंस संबंधी प्रतिबंधों के कारण वर्तमान में केवल बेलारूस तक ही उड़ानों का संचालन कर रही है। सूत्रों की मानें तो एयरोफ्लोट ने फिलहाल अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बंद कर दिया है। कंपनी ने जिन विमानों को लीज पर लिया हुआ है, उनके अनुबंधों का नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है। इस कारण कंपनी को डर है कि दूसरे देशों में उसके विमानों को संबंधित कंपनी जब्त कर सकती हैं। रूसी कंपनी यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से पहले दुनिया के 150 से ज्यादा शहरों में अपनी सेवाएं दे रही थी। इस रूसी एयरलाइंस ने आधे से ज्यादा विमान लीज पर लिए हुए हैं।
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