स्वास्थ्य को अपनी मौलिक संपत्ति बनायें

जौनपुर । भारत की प्राचीनतम विरासत योग को आज वैश्विक स्तर पर सर्वाेत्तम स्वास्थ्य को बनाए रखनें के लिए सार्वभौमिक मान्यता मिल चुकी है। जिसके क्रियात्मक और सैद्धांतिक पक्षों के नियमित और निरन्तर अभ्यासों से व्यक्ति अपनी असाध्य बिमारियों से भी छुटकारा पा सकता है।यह बातें विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर हैडिल कालोनी में शुरू हो रहे योग प्रशिक्षण शिविर में साधकों को हवन यज्ञ के साथ योगाभ्यास कराते हुए पतंजलि योग समिति के सह राज्य प्रभारी अचल हरीमूर्ति नें कही है। सोशल मीडिया के जिला प्रभारी आयुर्वेदाचार्य विकास योगी और डॉ ध्रुवराज योगी के द्वारा रोगानुसार और अवस्थानुसार लोगों को सरल और सहज सूक्ष्म व्यायामों के साथ भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी और उद्गीथ प्राणायामों के साथ ध्यान का अभ्यास कराते हुए ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, वीरभद्र आसन,मकर आसन, और भुजंगासनों का अभ्यास कराया गया। इस मौके पर शिविर संयोजक जय नारायण वर्मा, जितेन्द्र कुमार, रामनारायण, पूजा भारती, स्नेहा यादव, स्वेच्छा और निशा पटेल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।