बांदा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर स्तर पर प्रयास किया कि दुनिया को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। सभी जगह बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं रहें और संक्रमण से बचाव हो सके। इसी तरह लगभग सभी देश बीमारी से मुक्त हों और उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में किसी प्रकार की कोई कमी न हो, यह सब विश्व स्वास्थ्य दिवस को मनाने का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। यह बातें विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जिला अस्पताल में आयोजित जागरूकता गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने कहीं।सीएमओ ने कहा कि 1950 को पहली बार डब्ल्यूएचओ से जुड़े सभी देशों ने विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया था। उसके बाद जैसे जैसे देश डब्ल्यूएचओ से जुड़ते हुए, वहां हर साल अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य दिवस मनाने की शुरुआत हुई। नोडल अधिकारी डा. आरएन प्रसाद ने बताया कि किसी प्रकार की बीमारी हो उसके लिए जांच सबसे पहले करानी चाहिए। इसके उपरांत ही रोग की पहचान के बाद इलाज शुरू करना चाहिए इसलिए हर बीमारी के लिए जागरूकता आवश्यक है। जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों में शिविर लगाकर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गई।मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. संपूर्णानंद मिश्रा ने कोविड महामारी सहित अन्य बीमारियों से बचाव के लिए अपने सुझाव दिए। इसके बाद मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। चंद्रेश गुप्ता व अनामिका त्रिपाठी ने मरीजों की बीपी जांच की। इस मौके पर मनोवैज्ञानिक डा. रिजवाना हाशमी, मनोरोग चिकित्सक डा. हरदयाल, तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला सलाहकार डा. रामवीर सिंह, लवलेश यादव, उमा कुशवाहा, निशांत मौर्य, सौरभ शिवधर यादव, अनुपम त्रिपाठी, अशोक कुमार, अमित कुमार गुप्ता, अरविंद कुमार सहित लोग शामिल रहे।
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