सोनभद्र। वृहद गोवंश आश्रय स्थल, केवलीमयदेवली, विकास खण्ड घोरावल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय शेषनाथ चैहान, उपायुक्त श्रमरोजगार, अजीत सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, डाॅ0 ए0के0 श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, डाॅ0 जय सिंह, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, ग्राम प्रधान एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।इस गोआश्रय स्थल में 270 पशुओं को रहने हेतु 04 शेड बनाये गये हैं तथा इसका संचालन ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि रू0- 1.20 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया गया है तथा बाउण्ड्रीवाल का निर्माण क्रिटिकल गैप से कराया गया है। हरे चारे की व्यवस्था हेतु चरी बोयी गयी है। गोबर, खाद प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। तत्क्रम में इस खाद का निस्तारण के संबंध में उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि इच्छुक किसान भूसा देकर खाद ले जाते हैं, जिससे गोवंश के भरण-पोषण हेतु भूसा उपलब्ध रहता है। निरीक्षण के समय भूसे आदि की व्यवस्था पर्याप्त थी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि गोआश्रय स्थलों पर वर्मी कम्पोस्ट विधि से जैविक खाद तैयार किये जाने की योजना के अन्तर्गत 08 कम्पोस्ट गड्ढे बनाये गये हैं, जो तैयार होने पर किसान इसका क्रय कर सकते हैं। जिससे स्वयं सहायता समूह के साथ-साथ गोआश्रय स्थल भी लाभान्वित होगा।वर्तमान समय में दो पशु बीमार हैं, जिसका ईलाज किया जा रहा है। पशुओं के देखभाल हेतु मौके पर चार श्रमिक लगे हैं, जो पशुओं की संख्या के सापेक्ष काफी कम है। ग्राम प्रधान छोटेलाल को पर्याप्त देखभाल हेतु आदमी की संख्या बढ़ाने हेतु निर्देशित किया गया। तत्क्रम में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि डा0 जय सिंह को प्रशंसापत्र तैयार कर अधोहस्ताक्षरी के माध्यम से दिया जाय।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post