प्रयागराज। स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग, सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय,दुमका में राष्ट्रीय सेवा योजना पी०जी०इकाई-01 के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ० अजय शुक्ल के द्वारा झारखण्ड के आदिवासी संघर्ष-चेतना के शिखर पुरुष दिशोम गुरु शिबू सोरेन के कर्तृत्व-व्यक्तित्व का स्मरण करते हुए, 5 अप्रैल को पोषण पखवाड़ा आन्तर्जालिक राष्ट्रीय समारोह सम्पन्न हुआ। इस समारोह का आयोजन प्रयागराज से भी आभासी रूप मे किया गया। इस अवसर पर ‘मानव-जीवन मे पोषण की उपयोगिता और महत्ता’-विषयक एक आभाषी और भाषी राष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद आयोजित किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने पोषण की उपयोगिता और महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया– जो भोजन अथवा पोषक-तत्त्व मनुष्य ग्रहण करता है, उसकी क्रिया ‘पोषण’ कहलाता है। स्वस्थ आहार रोगरहित जीवन जीने के लिए अनिवार्य है। आपको जब शुद्ध पोषण-आहार मिलेगा तभी स्वस्थ तन-मन दिखेगा। स्वस्थ आहार मिलने से आप मोटापा, मधुमेह, रक्तचाप आदि के रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। प्रोटीन, विटामिन, वसा, कार्बोहाइड्रेट आदि शरीर का पोषण करते हैं और यही पोषक-तत्त्व भी हैं। राजनीतिक विचारक और विधायक नलिन सोरेन ने कहा– पोषण से मनुष्य के शरीर की वृद्धि होती है और मस्तिष्क का स्वस्थ विकास होता है। समारोह के संयोजक और उपर्युक्त विश्वविद्यालय के हिन्दी-प्राध्यापक डॉ० अजय शुक्ल ने कहा– हमारे शरीर को स्वस्थ आहार मिलेगा तो शरीर कभी बीमार नहीं होगा, इसीलिए शरीर मे आवश्यक विटामिन का बने रहना अत्यावश्यक है। सामाजिक विचारक विजय कुमार सिंह ने कहा- सन्तुलित और स्वस्थ शरीर के लिए हमारा आहार भी स्वस्थ होना चाहिए, जबकि आज बाज़ार मे अधिकतर खाद्यपदार्थ मिलावट से भरे हुए हैं। उपायुक्त रविशंकर शुक्ल ने कहा- पोषक-तत्त्व शरीर को चलाने के लिए ईंधन का काम करते हैं। कोई गाड़ी चलते-चलते तब रुक जाती है, जब उसमे ईंधन का अभाव होता है। इसी अवसर पर विविध प्रकार की प्रतियोगिताएँ आयोजित की गयीं और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम के संरक्षक जे०एम० एम० केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह थे। समूचे समारोह के मुख्य अतिथि और मार्गदर्शक भाषाविज्ञानी और समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज से जुड़े हुए थे। समारोह का कुशल संचालन डॉ० अजय शुक्ल ने किया।
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