सूर्य पर आया भयानक तूफान, एक ही सनस्पॉट से सात दिनों में उठीं 20 से ज्यादा लहरें

वॉशिंगटन । अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी स्पेसक्राफ्ट ने एक और सौर लहर की फोटो खींची है। यह सोलर फ्लेयर उसी ‘अतिसक्रिय’ सनस्पॉट से विस्फोट हुई है, जिसके चलते इस हफ्ते की शुरुआत में एक अद्भुत अरोर धरती पर दिखाई दिया था। सूर्य की परिक्रमा कर रहा यह स्पेसक्राफ्ट धरती से सतह के 36,000 किमी की ऊंचाई पर मौजूद है। स्पेसक्राफ्ट ने गुरुवार को दोपहर 2:35 बजे मध्यम-शक्ति वाली टाइप एम सौर लहर की तस्वीर खींची। नासा के मुताबिक सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी हर 10 सेकेंड में सूर्य की संपूर्ण डिस्क की फोटो खींचता है। इसकी तस्वीरें हाई-डेफिनिशन टीवी की तुलना में 10 गुना अधिक रिज़ॉल्यूशन वाली होती हैं। स्पेसक्राफ्ट द्वारा खींची गई तस्वीर स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी हिस्से में फ्लेयर को दिखाती है जो इसके उच्च तापमान को दिखाता है। एक एम-क्लास फ्लेयर बेहद शक्तिशाली फ्लेयर होती है। यह सूर्य से अचानक निकला इलेक्ट्रोमैग्नेट रेडिएशन होता है जो प्रकाश की गति से बाहर निकलता है।यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने फ्लेयर को एम9.6 रैंक दी। इसका मतलब है कि यह एक्स-क्लास फ्लेयर बनने से बहुत दूर नहीं थी जो सबसे ज्यादा शक्तिशाली लहर होती है। सौर लहरें रेडियो कम्युनिकेशन को बाधित कर सकती हैं और रेडियो ब्लैकआउट का कारण बन सकती हैं। अमेरिका के नेशनल वेदर फोरकास्ट ऑफिस के अनुसार एक मध्यम ब्लैकआउट कई मिनटों के लिए कम्युनिकेशन को बाधित कर सकता है। इस तरह के ब्लैकआउट ज्यादातर विमानन और समुद्री संचार को प्रभावित करते हैं लेकिन इसका असर आम रेडियो प्रसारण पर भी पड़ सकता है। हालिया सोलर फ्लेयर को जन्म देने वाले ‘चुंबकीय रूप से जटिल’ सनस्पॉट को 2975 कहा जाता है। इससे पिछले एक हफ्ते में लगभग 20 लहरें उठी हैं, जिसमें बुधवार को सूर्य पर भयानक विस्फोट के बाद निकली एक्स-क्लास फ्लेयर भी शामिल है।