कूल्हे का दर्द और उसके कारण

कूल्हे का दर्द एक ऐसा दर्द है जिसे हम अकसर ही नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि कभी-कभी हमें ठीक ढंग से उसका एहसास ही नहीं होता। ये है कूल्हे का दर्द , जिसकी जड़ तक पहुंचे बिना ही हम इसे कमर दर्द का असर या अपनी थकावट का नतीजा मान लेते हैं। इसके मामले ज्यादा नहीं आते, लेकिन लक्षणों को पहचानकर बचाव और उपाय करना जरूरी है।
दरअसल, कूल्हे में हड्डियों के बीच एक तरह का द्रव होता है। इसी द्रव या फ्लूइड की मदद से कूल्हे की हड्डियां सहजता से काम करती हैं। उम्र बढ़ने के साथ या किसी अन्य वजह से जब हड्डियों में फ्लूइड की कमी हो जाती है, तब कूल्हे में दर्द रहने लगता है। फ्लूइड की कमी की वजह से हड्डियों में रगड़ पैदा होने लगती है। इस रगड़ से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें टूट-फूट भी हो सकती है। यहीं से शुरू होता है हिप जॉइंट पेन से जुड़ी समस्याओं का सिलसिला।
ऐसे पहचानें लक्षण
कूल्हे में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। अकसर इन कारणों पर सीधे तौर से ध्यान नहीं जाता है। इसमें जांघों में तेज दर्द होता है। कभी कूल्हे के जोड़ों के भीतर दर्द का अहसास होता है। कभी ये दर्द शरीर के अन्य हिस्सों जैसे कमर और नितंब तक पहुंच जाता है। ज्यादा तेज गति से कुछ काम करने पर ये दर्द बढ़ता हुआ भी महसूस हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से मिलकर परामर्श करना ही सबसे बेहतर तरीका होता है।
सही आहार लें
विशेषज्ञों के अनुसार कूल्हे के दर्द के जो कारण सामने आते हैं, उनका कारण कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी, बढ़ती उम्र और व्यायाम की कमी। इसके अलावा चीनी का सेवन ज्यादा करने से भी तकलीफ होती है। इस समस्या को हम वात विकार में शामिल करते हैं। जब मलक्रिया ठीक नहीं होती, तब भी ये समस्या होती है। इसके लिए आंतों का साफ रहना जरूरी है। इसे खान-पान से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए अल्कलाइन डाइट लेनी चाहिए और कैल्शियम प्रधान भोजन लेना चाहिए। इसमें मूल रूप से हरी सब्जियां शामिल होंगी। इसके साथ तिल का भी सेवन करें। इसके लिए तिल को भिगोकर पेस्ट बनाकर आटे में मिलाकर रोटी बनाएं। मेथी का सेवन करें। फाइबर वाला आटा इस्तेमाल करें। दर्द के मामले में दर्द में सिकाई भी कर सकते हैं। यह भी देखना होगा कि दर्द नया है या पुराना है। नया होगा तो गर्म पानी और ठंडे पानी से एक-एक करके सिकाई की जाएगी। 3 मिनट गर्म पानी की सिकाई और 1 मिनट ठंडा।वहीं अगर दर्द पुराना है, तो स्टीम बाथ और मालिश करना असरदार साबित होता है। मालिश के लिए तिल का तेल इस्तेमाल करना चाहिए। जोड़ों की सही सक्रियता के लिए पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है।
इन संकेतों को न करें नजरअंदाज
बैठने में भी दिक्कत महसूस हो रही हो
दर्द के साथ ही बुखार आये
कूल्हे के जोड़ों की बनावट बिगड़ती हुई लगे
एक-दो दिन से ज्यादा दर्द हो तो डॉक्टर को जरुर दिखाएं
हमारे शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द तब होता है, जब उस हिस्से की सामान्य संरचना में गड़बड़ी आ जाती है। ऐसा किसी चोट लगने से हो सकता है, किसी संक्रमण से, या मांसपेशियों के असंतुलन के कारण भी हो सकता है। मांसपेशियां सख्त होने पर भी यह दर्द होता है। शरीर में जोड़ों के अंदर जो मांसपेशियां हैं, उनमें कठोरता आने के कारण दर्द पैदा होता है। ऐसे में मांसपेशियों को आराम देकर दर्द से राहत मिलती है। हिप पेन का मामला भी ऐसा ही है। हालांकि कूल्हे के दर्द के मरीजों का आंकड़ा काफी कम है। सौ में से दस मरीज ही इस दर्द से ग्रस्त होते हैं। फिर भी इसे नजरअंदाज करना समझदारी नहीं है। ज्यादातर मामले हमें गंभीर समस्याओं की तरफ ले जाते हैं। मसलन, कई बार कूल्हे में दर्द हो रहा होता है और जांच में मालूम चलता है कि मरीज की डिस्क खिसकी हुई है। कई बार कूल्हे के जोड़ में रक्त आपूर्ति कम होने से भी दर्द होता है, जोड़ क्षतिग्रस्त होने लगता है। इसके अलावा जो लोग नशा करते हैं, उनमें भी कूल्हे के दर्द की समस्या होती है। यह समस्या कई बार इतनी ज्यादा हो जाती है कि हिप जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी करानी पड़ती है। ।
ऑस्टियोआर्थराइटिस भी हो सकता है कारण
कूल्हे में दर्द ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या की वजह से भी हो सकता है। इसके अलावा कोई चोट लगने के बाद भी ये समस्या सामने आ सकती है। बॉल जॉइंट में गड़बड़ी हो तो भी कूल्हे में दर्द हो सकता है। कई मामलों में अगर खून का दौरा कम हो जाता है, तब भी ये समस्या हो सकती है। इसके अलावा कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। ऐसे में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।