सकलडीहा(चन्दौली)। राष्ट्रीय भारशिव क्षत्रिय महासंघ ने सोमवार एक आपात बैठक कर भर-राजभर समाज को पिछड़ा वर्ग से निकलकर सामान्य श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखकर गुहार लगाया है। इस बाबत महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाशनाथ राय भरतवंशी ने बताया कि वर्तमान का राजभर समाज ही कालांतर में भारशिव क्षत्रिय रहा है। जिसका इतिहास और साक्ष्य उपलब्ध हैं। इसलिए इस समाज को भारत सरकार सामान्य वर्ग में शामिल करने का काम करे। तभी इस महान समाज का सम्मन और स्वाभिमान कायम रहा पाएगा। बताया कि पूरे प्रमाण के साथ हम लोगों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भारशिव क्षत्रिय/राजपूत/राजभर समुदाय को एकही माने जाने की मांग को लेकर पत्र भेजा है। बताया कि जब वर्तमान के भर-राजभर समाज के लोग कालांतर के भारशिव क्षत्रिय राजपूत हैं तो किस आधार पर इस महान समाज को पिछड़ी जाति में रखा गया है और वहीं अब कुछ राजनीतिक दल के लोग निजी स्वार्थ में इस गौरवशाली समाज को अनुसूचित/अनुसूचित जन जाति में शामिल किए जाने की घिनौनी मांग कर रहे है। जो न तो न्याय संगत है और न ही संवैधानिक ही है। श्री भरतवंशी ने गहरा खेद प्रकट करते हुए कहा कि इस विषय पर पूर्व में भी कई बार सरकार से मांग किया जाता रहा है लेकिन आज तक न्यायहित प्रतिक्रिया प्रतीक्षारत है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय वी.पी. सिंह की सरकार द्वारा बीना जनमत संग्रह के ही ओबीसी में शामिल किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। हम भारशिव क्षत्रिय / राजपूत समुदाय के लोग निश्चित रूप से आधुनिक भारतीय समाज में अपने पूर्वजों के सबसे बहादुर भारशिव राजपूत योद्धाओं के रूप में हमारे ‘राजपूतना गौरव और आत्म सम्मान’ को सुरक्षित करना चाहते हैं। इसलिए हमें सामान्य वर्ग का दर्जा दिया जाना चाहिए। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी,भारत सरकार के माननीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को भी अपनी मांग को पूरा करने के लिए पत्र प्रेषित किया गया है। इस मौके पर आरके सिंह, अमरीश राय, अजीत प्रताप सिंह सहित अन्य रहे।
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