आध्यात्मिक विज्ञान है योग- कुलसचिव

प्रयागराज।।उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में सप्तम अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के अंतर्गत योग प्रशिक्षण पखवाड़े में आज विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अरुण कुमार गुप्ता ने व्याख्यान दिया।डॉ गुप्ता ने प्राचीन काल से अद्यतन: योग का विकास एवं महत्व विषय पर ऑनलाइन उद्बोधन देते हुए कहा कि योग के आधार पर हम न केवल स्वस्थ जीवन एवं समाज का विकास कर सकते हैं बल्कि धर्म, आस्था एवं नस्लों के नाम पर बंटे मानव एवं राष्ट्रों में प्रेम एवं सहिष्णुता का प्रसार कर सकते है। डॉ गुप्ता ने बताया कि योग का तात्पर्य अपने अंदर निहित शक्तियों को विकसित करना और अपने अस्तित्व का प्रकृति एवं ब्रह्मांड से सामंजस्य स्थापित करना है, जिससे हमारा मन और शरीर स्वस्थ रहे। उन्होंने कहा कि यह एक आध्यात्मिक विज्ञान है जो हमें जीवन यापन की कला का बोध कराता है। डॉ गुप्ता ने योग के इतिहास और विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिव को आदियोगी आदि गुरु माना जाता है। जिससे यह ज्ञान सप्तषियों को मिला। यह योग वैदिक काल में सामान्य जीवन का अंग बन गया। उपनिषदों, महाभारत और भगवतगीता में योग की विशद चर्चा की गई है। वैदिक काल में सूर्य प्रमुख देवता थे। इसी से सूर्य नमस्कार की योग परंपरा का प्रारंभ हुआ।इसके बाद महर्षि पतंजलि ने योग को क्रमबद्ध रूप प्रदान किया तथा यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा ध्यान, समाधि का विस्तृत वर्णन किया। तत्पश्चात शंकराचार्य, रामानुजाचार्य ने इसे गति प्रदान की। डॉ गुप्ता ने कहा कि आधुनिक काल में रमन महर्षि, परमहंस योगानंद, स्वामी राम,  अरविंदो, स्वामी विवेकानंद, ओशो, बीकेएस अयंगर,  रविशंकर एवं स्वामी रामदेव ने योग परंपरा को आगे बढ़ाया है। इसी कारण संयुक्त राष्ट्र संघ ने २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी। इसे मान्यता दिलाने में हमारे प्रधानमंत्री रेंद्र मोदी का योगदान अविस्मरणीय है।विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने योग की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि आज हमें विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्र को योग में प्रशिक्षित करने का संकल्प लेना होगा। इसी संकल्पना को साकार करने के लिए विश्वविद्यालय ने ७ से २१ जून तक योग प्रशिक्षण पखवाड़े का आयोजन किया है, जिसमें योग विशेषज्ञों द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण का लाभ शिक्षाथियों को मिल रहा है। कुलपति प्रोफेसर सिंह ने कहा कि हमें अपने योग प्रशिक्षण कार्यक्रमों को उत्तर प्रदेश के गांव-गांव तक पहुंचाना है। प्रारंभ में स्वास्थ्य विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर जी एस शुक्ल ने योग पखवाड़े के आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि समाज में योग कार्यक्रम की लोकप्रियता इसी तरह बढ़ती रही तो कुछ दिनों में हमारी छात्र संख्या एक लाख से ऊपर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जो योग में जागरूकता से लेकर परास्नातक कार्यक्रम संचालित कर रहा है।योग परामर्शदाता अमित सिंह ने योग की विभिन्न विधाओं के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य वर्धक आसनों और प्राणायाम के बारे में बताया तथा धन्यवाद ज्ञापित किया।मीडिया प्रभारी डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि सोमवार १४ जून को देश के जाने-माने योग विशेषज्ञ एवं मास्टर ट्रेनर योगेंद्र सिंह योगी विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों को योग की महत्वपूर्ण विधा कमNयोग के बारे में ऑनलाइन प्रशिक्षण देंगे। प्रतिदिन सैकड़ों छात्र-छात्राएं ऑनलाइन प्रशिक्षण का लाभ उठा रहे हैं।