बदौसा। परिवर्तन कार्यक्रम के तहत क्षेत्र के 20 गांवों में संचालित किशोर लडकों और लड़कियों के समूह लीडरों का एक दिवसीय नेतृत्व विकास कार्यशाला जीना है तो पापा शराब मत पीना, गीत के साथ सम्पन्न हुई। पहाड़ीमाफी की प्रधान रामकली यादव ने आयोजकों को बधाई दी।रविवार को कालिंजर में आयोजित लीडर्स नेतृत्व विकास कार्यशाला की शुरुआत मित्र बुन्देलखण्ड के महेन्द्र कुमार ने ग्रुप लीडर स्टेक होल्डर व परिवर्तन के साथियों का स्वागत करते हुए बताया कि कालिंजर क्षेत्र के 20 गांवों में 12-18 वर्ष के लडकों और लड़कियों के साथ जेंडर समानता, महिला हिंसा व जीवन कौशल के विभिन्न मुद्दों पर संचालित किशोर किशोरियों के समूह 35 समूह बना कर 850 लोगों तक सीधी पहुंच के माध्यम से काम कर रहे हैं। कार्यशाला में करीब 65 लीडर्स भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य दूसरे गांव के ग्रुप लीडर के साथ परिचय के माध्यम से एकजुटता व सामूहिकता का एहसास कराना, ग्रुप लीडर्स की आपसी झिझक दूर कर लीडर के रूप में अपनी पहचान का एहसास करें। लैंगिक समानता व महिला हिंसा के खिलाफ़ समूह व समुदाय में लीडर की भूमिका को स्थापित करना, इस कार्यशाला को सामूहिक गीत, डाक्यूमेंट्री फिल्म तथा मुद्दों पर चर्चाओं के माध्यम से अलग अलग सत्रों बांट कर चर्चा की गई। परिवर्तन ग्रुप 07 डा. एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल स्कूल बदौसा की ग्रुप लीडर कंचन देवी सोनकर ने जेण्डर भेदभाव पर अपनी स्पीच से मौजूद स्टेक होल्डर्स को अपनी सीख को साझा कर प्रेरणा प्रदान दिया। सीएचएसजे नई दिल्ली की संध्या, सावित्री बाई फूले महिला अधिकार संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष उमा कुशवाहा, बनांगना की शबीना व राधेश्याम, मित्र बुन्देलखण्ड की पिंकी, रानी संजय, ग्रीन एण्ड हैपी इंडिया ट्रस्ट बदौसा के सन्तोष कुशवाहा, सुरेश कुमार, विषणू नें सत्रों का संचालन कर किशोर और किशोरियों में नेतृत्व विकास का हुनर निखारते हुए महिला हिंसा, बाल यौन शोषण, जेण्डर भेदभाव को रोकने के लिए समाज में पुरुषों व लड़कों को जवाब देह बनाने पर बल दिया। पिंकी व रानी ने सभी का आभार जताया।
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