रक्षा उत्कृष्टता में नवाचार के लिए 498 करोड रूपये की बजटीय सहायता मंजूर

नयी दिल्ली|रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अगले पांच वर्षों के लिए रक्षा उत्कृष्टता में नवाचार (आई.डीईएक्स) रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) के लिए 4988 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता को मंजूरी दी है।इस बजटीय सहायता से आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि आई.डीईएक्स. डीआईओ का देश की रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण का प्राथमिक उद्देश्य है।रक्षा उत्पादन विभाग ;डीडीपी द्वारा आई.डीईएक्स के निर्माण और डीआईओ की स्थापना का उद्देश्य एमएसएमई स्टार्ट.अप व्यक्तिगत नवोन्मेषकों अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और शिक्षाजगत समेत उद्योगों को शामिल करके रक्षा और एयरोस्पेस में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक ईको सिस्‍टम का निर्माण करना और उन्हें अनुसंधान और विकास करने के लिए अनुदान तथा वित्तपोषण और अन्य सहायता प्रदान करना है।अगले पांच वर्षों के लिए 4988 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता वाली इस योजना का उद्देश्य डीआईओ फ्रेमवर्क के तहत लगभग 300 स्टार्ट.अप्स एमएसएमई व्यक्तिगत नवोन्मेषकों और 20 साझेदार इनक्यूबेटर को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह रक्षा जरूरतों के बारे में भारतीय नवाचार पारितंत्र में जागरूकता बढ़ाने और इसके विपरीत भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान में उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अभिनव समाधान देने की उनकी क्षमता के प्रति जागरूकता पैदा करने में सहायता करेगा।इस योजना का उद्देश्य रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए नईए स्वदेशी और अभिनव प्रौद्योगिकियों के तेजी से विकास को सुगम बनाना है ताकि कम समय सीमा में उनकी जरूरतों को पूरा किया जा सकेए रक्षा और एयरोस्पेस के लिए सह.निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए अभिनव स्टार्ट-अप्स के साथ संबंध स्थापित करने की संस्कृति का विकास करना रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के भीतर प्रौद्योगिकी सह.निर्माण और सह.नवाचार की संस्कृति को सशक्त बनाना और स्टार्ट.अप के बीच नवाचार को बढ़ावा देकर उन्हें इस ईको सिस्‍टम का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करना है।डीडीपी पार्टनर इनक्यूबेटर ;पीआई के रूप में आई.डीईएक्स नेटवर्क की स्थापना और प्रबंधन के लिए डीआईओ को धन जारी करेगा यह रक्षा और एयरोस्पेस जरूरतों के बारे में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के पार्टनर इनक्यूबेटर सहित पार्टनर इनक्यूबेटर के माध्यम से एमएसएमई के नवोन्मेषकों स्टार्ट.अप तथा प्रौद्योगिकी केंद्रों के साथ संवाद करेगा। यह संभावित प्रौद्योगिकियों और संस्थाओं की छटनी तथा रक्षा और एयरोस्पेस सेटअप पर उनकी उपयोगिता और प्रभाव के संदर्भ में नवोन्मेषकों तथा स्टार्ट-अप्स द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न चुनौतियों तथा हैकाथन का आयोजन करेगा।