देवरिया। टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, डॉट के पूरे कोर्स और कुछ एहतिहातों के साथ इसका इलाज संभव है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। टीबी के प्रति जागरूकता, डिटेक्शन और नियमित मॉनिटरिंग के द्वारा लक्ष्य प्राप्ति संभव है।उक्त बातें जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर सीएमओ कार्यालय के धनवंतरी सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि दुनिया में टीबी का हर चौथा मरीज भारत में है। मरीज और उनके परिजनों को इसके विषय में जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है। मरीज को कोई भी खुराक मिस नहीं करनी चाहिए। साथ ही परिवार के लोगों का बचाव भी आवश्यक है। मरीज छींकते या खाँसते समय मास्क, कपड़ा या रुमाल का प्रयोग करें। इससे बीमारी के प्रसार में कमी आएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि टीबी हारेगा और देश जीतेगा।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि टीबी के मरीजों को पोषण युक्त भोजन के साथ स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) कुँवर पंकज ने टीबी मरीजों को भावनात्मक सहयोग देने पर बल दिया। जिलाधिकारी ने कार्यक्रम के उपरांत टीबी से जुड़े कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रशस्ति पत्र प्रदान किया और उपस्थित लोगों को टीबी के संबन्ध में शपथ भी दिलाई। इस अवसर पर डीटीओ डॉक्टर राजेंद्र कुमार चौधरी, एसीएमओ डॉ सुरेंद्र सिंह, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, मांधाता सिंह, चंद्र प्रकाश त्रिपाठी, मृत्युंजय कुमार पांडेय, देवेंद्र प्रताप सिंह, अभिषेक यादव, सुनील सिंह, उत्कर्ष त्रिपाठी, राजन कुमार, शाहिद, नरेंद्र राव, जाहिद, अंकित सिंह, प्रवेश पांडेय संजय यादव आदि मौजूद थे।
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