बहराइच। स्वास्थ्य योजनाओं एवं कार्यक्रमों के प्रगति की समीक्षा के लिए मंगलवार देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित स्वास्थ्य एवं पोषण समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी डाॅ दिनेश चन्द्र ने आयुष्मान भारत योजनान्तर्गत गोल्डेन कार्ड निर्गत की धीमी प्रगति पाये जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रतिदिन कम से कम 1000 गोल्डेन कार्ड बनाये जाने की कार्रवाई की जाय। साथ ही प्रगति से प्रतिदिन मुझे भी अवगत कराया जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि 24 मार्च से आयोजित होने वाले क्षयरोग उन्मूलन अभियान के दौरान सभी अधिकारी एक-एक क्षयरोगी को गोद लेकर क्षयरोग से मुक्त कराने में सहयोग प्रदान करें। उन्होंने हेल्थ एण्ड बेलनेस सेण्टर के क्रियाशीलता की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि हेल्थ एण्ड बेलनेस सेण्टर को मानक के अनुरूप दवा आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए क्रियाशील रखा जाय। सीएचओ के कार्यो की नियमित रूप से समीक्षा की जाय। उदासीन एवं लापरवाह सीएचओ के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही भी की जाय। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान पाया गया कि जन्मजात विकारयुक्त चिन्हित 135 बच्चों के सापेक्ष मात्र 119 बच्चों का आपरेशन हुआ है। इस स्थिति पर कड़ी अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि बच्चों के चिन्हाकन में तेजी लायी जाय। उदासीन व लापरवाह स्वास्थ्य वर्करों के कार्य में सुधार न पाये जाने पर नियमानुसार उनके विरुद्ध कार्रवाई भी की जाय। एनआरसी के संचालन की समीक्षा में पाया गया कि एनआरसी में कम बच्चे आ रहे है इस स्थिति के लिए आईसीडीएस विभाग को निर्देश दिया गया कि प्रगति में अपेक्षित सुधार लाया जाय। अन्यथा की स्थिति में कठोर कार्यवाही की जायेगी। जिलाधिकारी डाॅ चन्द्र ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया कि संध्या बैठक में सभी स्वास्थ्य इण्डीकेटर्स के प्रगति की गहन समीक्षा करते हुए कमियों को दूर कर स्वास्थ्य के सभी इण्डीकेटर्स में अपेक्षित सुधार लाया जाय। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना, ई-संजीवनी ओपीडी, एसएनसीयू, टीकाकरण, पल्सपोलियों अभियान इत्यादि बिन्दुओं की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। पोषण समिति की बैठक के दौरान जिलाधिकारी डाॅ चन्द्र ने निर्देश दिया कि पोषण पखवाड़ा को शासन की मंशानुसार संचालित किया जाय। पोषण पखवाड़ा अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 06 वर्ष तक के बच्चों के वृद्धि निगरानी के लिए वजन, लम्बाई, ऊचाई की माप, लैगिंग संवेदनशीलता एवं जल प्रबन्धन, जल संरक्षण में महिलाओं की भूमिका, वर्षा जल संचयन में समुदाय की सहभागिता, वर्षा जल संचयी संरचना का निर्माण, एनिमिया प्रबन्धन एवं रोकथाम, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं में एनिमिया की रोकथाम एवं उपाय, स्कूली बच्चों में एनिमिया की रोकथाम एवं प्रबन्धन में आयुष की महत्ता, महिलाओं एवं बच्चों के लिए पारम्परिक भोजन को बढ़ावा, क्षेत्रीय एवं पारम्परिक आहार को बढ़ावा, व्यंजन प्रतियोगिता व आहार विविधता हेतु बाजरा को बढ़ावा देने इत्यादि गतिविधियां मानक के अनुरूप संचालित की जायेगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ एस.के. सिंह, सीएमएस डा. ओ.पी. पाण्डेय, मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. अनिल के. साहनी, जिला विकास अधिकारी राजेश कुमार मिश्र, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार, डीपीआरओ उमाकान्त पाण्डेय, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. जयन्त कुमार, डा. अजीत चन्द्रा, डा. योग्यता जैन, डा. अनिल, सीडीपीओ, प्रभारी चिकित्साधिकारी व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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