एमएलसी चुनाव हेतु विधान सभावार स्थैतिक निगरानी टीम गठित

देवरिया। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी आशुतोष निरंजन ने देवरिया स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश राज्य की विधान परिषद के लिए निर्वाचन-2022 के संबंध में निर्वाचन कार्य के स्वतंत्र व निष्पक्ष निष्पादन के दृष्टिगत तत्कालिक प्रभाव से विधान सभावार स्थैतिक निगरानी टीम गठित किया है। उन्होने बताया है कि 336-रुद्रपुर हेतु तहसीलदार रुद्रपुर अभयराज, 337-देवरिया हेतु तहसीलदार सदर आनन्द कुमार नायक, 338-पथरदेवा हेतु नायब तहसीलदार सदर मुकेश वर्मा, 339-रामपुर कारखाना हेतु नायब तहसीलदार सलेमपुर डा0भागीरथी सिंह, 340-भाटपाररानी हेतु तहसीलदार भाटपाररानी अश्वनी कुमार, 341-सलेमपुर हेतु तहसीलदार सलेमपुर शैलेन्द्र कुमार तथा 342-बरहज हेतु तहसीलदार बरहज मिश्री सिंह चौहान को प्रभारी अधिकारी/मजिस्ट्रेट नामित किया गया है। नामित अधिकारियों के साथ एक-एक पुलिस अधिकारी एवं 03-03 पुलिस कार्मिक भी नामित किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया है कि स्थैतिक निगरानी टीम निर्वाचन क्षेत्र में व्यय संवेदनशील बस्तियां/झोपडियों पर चेक पोस्ट स्थापित करेगी और अपने क्षेत्र में अवैध शराब, रिश्वत की वस्तुओं या भारी मात्रा में नकदी, हथियार एवं गोला बारुद के लाने एवं ले जाने तथा असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर निगरानी रखेगी। जांच किए जाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जायेगी तथा सम्पूर्ण प्रक्रिया का वीडियो बनाया जायेगा। स्थैतिक निगरानी टीम फार्मेट के अनुसार दैनिक कार्यकलाप की रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी को और उसकी प्रति रिटर्निंग ऑफिसर, पुलिस अधीक्षक, व्यय प्रेक्षक, सामान्य प्रेक्षक एवं पुलिस प्रेक्षक को भेजेगी। पुलिस अधीक्षक दैनिक कार्यकलाप की समेकित रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय के नोडन अधिकारी को प्रेषित करेगें। स्थैतिक निगरानी टीम का नियंत्रण सामान्य प्रेक्षक और व्यय प्रेक्षक के परामर्श से जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा किया जायेगा। जांच के दौरान यदि प्रत्याशी, उसके अभिकर्ता या पार्टी कार्यकर्ता को ले जाने वाले किसी वाहन में 50 हजार रुपये से अधिक की नकदी पायी जाती है या वाहन में पोस्टर या निर्वाचन सामग्री या कोई ड्रग्स, शराब, हथियार अथवा 10 हजार रुपये के मूल्य से अधिक की ऐसी उपहार वस्तुएं ले जायी जा रही है, जिनका इस्तेमाल निर्वाचकों को प्रलोभन दिय जाने के लिए किए जाने की संभावना हो या वाहन में कोई अन्य गैर कानूनी वस्तुए पाई जाती है तो यह जब्त किए जाने की शर्त के अधीन होगी। जाचं किए जाने एवं जब्ती के सभी घटनाक्रम की वीडियोग्राफी की जाएगी, जो प्रतिदिन रिटर्निंग आफिसर को प्रस्तुत किया जायेगा। यदि किसी वाहन में 10 लाख रुपये से अधिक की नकदी पायी जाती है और किसी अपराध से जुडे होने या किसी प्रत्याशी या अभिकर्ता या दलीय प्राधिकारी की सहलग्नता का कोई संदेह नही होता है तो स्थैतिक निगरानी टीम नकदी जब्त नही करेगी, और आयकर कानूनो के अन्तर्गत आवश्यक कार्यवाही करने के लिए आयकर प्राधिकारी को सूचना दे देगी। जांच के दौरान यदि किसी अपराध होने की आंशका है तो मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में सीआरपीसी के प्रावधानो के अनुसार स्थैतिक निगरानी टीम के प्रभारी पुलिस अधिकारी द्वारा नकदी या अन्य मदों की जब्ती की जायेगी। स्थैतिक निगरानी टीम के प्रभारी पुलिस अधिकारी द्वारा क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय में 24 घंटे के भीतर शिकायत/एफआईआर दर्ज की जायेगी।