कोरोना वायरस उत्पत्ति की जांच में अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता:डब्ल्यूएचओ

लंदन|विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयेसस ने चीन से कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच में सहयोग करने का आह्वान किया है।ष्द वाल स्ट्रीट जर्नल ने जी 7 शिखर सम्मेलन के बाद डॉ टेड्रोस के हवाले से कहा जैसा कि आप जानते हैं कि हमें चीनी पक्ष से सहयोग की आवश्यकता होगी। हमें इस वायरस की उत्पत्ति को समझनेए जानने या खोजने के लिए पारदर्शिता की आवश्यकता है रिपोर्ट जारी होने के बाद डेटा साझा करने में कठिनाइयां रहीं।डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक के अनुसार जी 7 नेताओं ने शनिवार को महामारी के कारणों पर चर्चा की और (कोविड-19) की उत्पत्ति की जांच के अगले चरण की तैयारी चल रही है। डॉ टेड्रोस ने कहा कि चीन से अधिक सहयोग और पारदर्शिता की उम्मीद है।गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने हाल ही में अमेरिकी खुफिया समुदाय को नोवेल कोरोना वायरस की उत्पत्ति की फिर से जांच करने और यह निर्धारित करने में मदद करने के लिए एक रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया कि क्या यह बीमारी किसी प्रयोगशाला से लीक हुई है या किसी संक्रमित जानवर से मानव में फैली है। चीन हालांकि प्रयोगशाला से इस वायरस के लीक होने के सिद्धांत को साजिश करार देता रहा है।अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने इस वर्ष जनवरी में वुहान की यात्रा कीए जहां उन्होंने (कोविड-19) के वायरस की उत्पत्ति के सुराग के लिए एक प्रयोगशालाए अस्पतालों और बाजारों की जांच की। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ मिशन ने तब एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें कहा गया था कि वुहान की एक प्रयोगशाला से नये कोरोनावायरस के लीक होने की संभावना बहुत कम है। मार्च में जारी की गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक आशंका है कि नया वायरस चमगादड़ों से मनुष्यों में एक मध्यस्थ के माध्यम से फैलता है। इस रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद डॉ टेड्रोस ने कहा कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की वुहान यात्रा के दौरान उनसे अपना डेटा छुपाया था।