इस्लामाबाद । रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें 112 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं जो युद्ध से पहले 94 डॉलर प्रति बैरल थी। पाकिस्तान के पास अब केवल पांच दिनों का डीजल स्टॉक बचा है। युद्ध के कारण 2008 के बाद से वैश्विक डीजल स्टॉक और अन्य मिडिल डिस्टिलेट की उपलब्धता में न्यूनतम मौसमी स्तर तक कमी आ गई है।तेल उद्योग की संस्था ऑयल कंपनीज एडवाइजरी काउंसिल (ओसीएसी) ने पहले ही किस्तानी सरकार को वैश्विक स्तर पर स्टॉक की कमी के कारण डीजल की कमी के संकट के बारे में चेतावनी दी थी। दूसरी वजह यह थी कि पाकिस्तानी बैंकों ने भी तेल कंपनियों को हाई रिस्क कैटेगरी में डाल दिया था और कर्ज देने से इनकार कर दिया था।ओसीएसी ने इस संबंध में हस्तक्षेप करने के लिए पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक के गवर्नर को एक पत्र भी लिखा था।राज्य द्वारा संचालित तेल कंपनी पाकिस्तान स्टेट ऑयल (पीएसओ) ने ऊर्जा मंत्रालय (पेट्रोलियम डिवीजन) को महानिदेशक, तेल को भेजे गए एक पत्र में स्थिति के बारे में सूचित किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने बताया कि तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने दिसंबर से मार्च तक तेल आयात, विशेष रूप से हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी) में चूक की थी।
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