अवसरवादी, परिवारवादी और पलायनवादीयों के हाथ में देश सुरक्षित नहीं- प्रधानमंत्री

पुनीत कुमार श्रीवास्तव
प्रयागराज (24/02)। प्रयागराज की प्रतिष्ठ यहा के प्रबुद्धजीवी लोग, यहाँ की संस्कृति, यहॉ के साहित्य और कलाप्रेम से भी है। आप सभी प्रबुद्ध लोग इस बात से तो परिचित है कि बदलती विश्व व्यवस्था में भारत का मजबूत होना कितना जरुरी है और मजबूत भारत सशक्त उत्तर प्रदेश के बिना संभव ही नही है। आज जो घोर परिवारवादी, अवसरवादी और पलायनवादी आपके पास आकर वोट मांग रहे है वो कभी सशक्त और आधुनिक यूपी का निर्माण नही कर सकते। यह बात आज यहाँ फाफामऊ में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कही।

उन्होने कहा कि यह भूमि मर्यादापुरुषोत्तम और निराद राज की महान मित्रता की साक्षी है। इस मिट्टी में अमर क्रान्तीकारी शहीद चन्द्र शेखर आजाद के बलिदान का रक्त भी मिला हुआ है। ऐसी महान भूमि और यहां के लागो का मै अभिनन्दन करता हूूँ। उत्तर प्रदेश में ४ चरणो के चुनाव हो चुके हैं। यूपी के लोग भाजपा को और भाजपा के सहायोगी हमारे साथियों की पार्टी को भी भरपूर आर्शिवाद दे रहे हैं। जन समूह को देखकर उन्होने कहा कि आपके प्यार और आर्शिवाद के लिए मै आपका आभारी हूॅ। २१वीं सदी का यूपी आकांक्षी है, बड़े सपने लेकर आगे बढ़ रहा है। डबल इंजन की सरकार यूपी को विकसीत बनाने मे दिनरात लगीं है। २१वीं सदी के यूपी की आकाक्षाएं पूरी हो इसके लिए इसमें नेतृत्व की बहुत बड़ी भूमीका है। इसलिए सवाल ये भी है कि यूपी में नेतृत्व वैâसा होना चाहिए। आपने देखा होगा पूरी दूनिया आज कोरोना की महामारी की चपेट में है, कोई भी इससे बचा नही है। मानवता के ऊपर यह बहुत बढ़ा संकट आया है। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, सिद्धार्थ नाथ सिंह और भाजपा के कुशल लोगो का नेतृत्व है तो दूसरी तरफ उनका नेतृत्व देखिए जिन्हाने वैक्सिन को लेकर अफवाएं पैâलाई। लोगो को गलत रास्ते पर ले जाने की कोशिश की। जो लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए निर्दाेश नागरिको को गुमराह करें, क्या ऐसा नेता यूपी को चलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा प्रयागराज मेधावी युवाओं का संगम है लेकिन परिवारवादियों ने उनसे नौकरी के नाम पर छल किया है। उनके राज में नौकरी के लिए योग्यता की अहमियता नही थी बल्कि जातिवाद, क्षेत्रवाद और नोटों का बंडल ही सब कुछ था। अपने १० साल के शासन में उन लोगो ने केवल २ लाख सरकारी नौकरीयां दी, जबकि हमारी पाच साल की सरकार ५ लाख नौकरियां दी। पहले बड़ी योजना बनने से लेकर छोटी-छोटी ठेकेदारी तक में भाई-भतीजावाद चलता था। लेकिन अब पूरी पारदर्शिता के साथ योग्य लोगों को काम दिया जा रहा है। जिसके चलते यूनेस्को ने कुम्भ के मेले को विश्व विरासत का दर्जा दिया। पहले यूपी में पीसीएस और यूपीएससी का सिलेबस अलग -अलग था लेकिन हमारी सरकार ने छात्रों का दर्द समझा और सिलेबल एक किया ताकी उतनी ही मेहनत से दोनो की तैयारी की जा सके।