नार्थ कोरिया में कुत्ते पालना कानून के विरुद्ध, खाद्दान संकट से निपटने किया फैसला

प्योंगयॉग । नार्थ कोरिया में कुत्ते पालना कानून के विरुद्ध माना जाएगा। यह फैसला खाद्दान संकट से निपटने के लिए किया गया है। दरअसल, कोरोना महामारी ने उत्तर कोरिया में भारी खाद्य संकट पैदा कर दिया है, जिसका नतीजा है कि लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है और किम जोंग-उन ने उस गुस्से को शांत करने के लिए ऐसे क्रूर निर्देश दिए हैं। किम जोंग उन ने पालतू कुत्‍तों को रखने को कानून के खिलाफ घोषित कर दिया। हालांकि, किम ने निर्देश के पीछे भी तर्क दिया उनका दावा है कि पालतू कुत्ते (उत्तर कोरिया में प्रतिबंधित पालतू कुत्ते) वर्ग भेदभाव का एक रूप हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार किम का दावा है कि आम लोग मवेशी रखते हैं केवल अमीर लोग ही घर में पालतू जानवर रखते हैं। किम ने भी कुत्ते के कपड़ों की तुलना पूंजीवाद और बुर्जुआ विचारधारा से की है।हालांकि, उत्तर कोरिया में पालतू कुत्तों पर प्रतिबंध नया नहीं है। इसी तरह के दिशानिर्देश 1980 के बाद से एक से अधिक बार जारी किए गए थे। खबरों के अनुसार, 2016 में किम की पार्टी के स्थापना दिवस से पहले पालतू कुत्ते के बाल एकत्र करने का आदेश दिया गया था। इसके बजाय, सरकार को 148 मूल्य के चावल सरकार को दान करने का आदेश दिया गया था। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चल रही विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, कोरोना महामारी के कारण उत्तर कोरिया की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। चीन के साथ व्यापार में भी 90 प्रतिशत की गिरावट संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस स्थिति में, अधिकांश उत्तर कोरियाई परिवार दिन में एक बार भोजन उपलब्ध कराने में सक्षम हैं।