फतेहपुर। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चों के बौद्धिक स्तर एवं विद्यालय बंद रहने के दौरान स्कूलों व स्टाफ की आर्थिक स्थिति कमज़ोर होने का हवाला देते हुए उप्र माध्यमिक प्रधानचार्य परिषद ने गहरी चिंता जताई है। उन्होने सीएम से विद्यालय को खोलने का निर्देश देने के साथ ही स्कूलों को रियायत देने की मांग किया। साथ ही स्कूलों की मांगो के संबंध में सीएम को ज्ञापन भेजकर समस्याओं के निस्तारण की मांग किया।शुक्रवार को मौर्य भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उप्र माध्यमिक प्रधानाचार्य परिषद वित्तविहीन गुट के जिलाध्यक्ष मणिशंकर मौर्या व शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष मुकेश श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना संक्रमण की आशंका को लेकर सरकार द्वारा विद्यालयों को बंद करते हुए ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था की गई है। ऑनलाइन शिक्षा के दौरान जहाँ छात्र-छात्राओं का बौद्धिक स्तर कमज़ोर हो रहा है वहीं शुल्क अवरुद्ध होने के स्कूल व स्टाफ को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छात्र-छात्राओं के पास स्मार्ट फोन न होने व मोबाइल का महंगा रिचार्ज कराने में असमर्थ अभिभावकों के सामने भी अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर संकट है। ऐसी स्थिति से छात्र-छात्राओं व अभिभावकों की समस्याओं को देखते हुए विद्यालयों को खोलने की अनुमति दी जाए। साथ ही कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रशासन द्वारा स्कूली बसों को अधिग्रहीत किया जा रहा है। कोरोना महामारी काल में स्कूल बंद होने से वित्तीय संकट से जूझ रहे प्रबंध तंत्र अपनी बसों का धनाभाव के चलते बीमा समेत अन्य दस्तावेज़ पूरा करने में असमर्थ हैं। उन्होने मांग किया कि प्रशासन चुनाव को देखते हुए केवल दस्तावेज़ पूरी होने वाली बसों को ही अधिग्रहीत करे। जिससे विद्यालय पर अनैतिक रूप से किसी तरह का वित्तीय बोझ न पड़े। उन्होने बताया कि उक्त मांगो को लेकर संगठन सीएम को ज्ञापन भेजकर अपनी समस्याओं से अवगत कराएगा और निस्तारण की मांग करेगा। इस मौके पर संरक्षक बद्री प्रसाद पाल, मणि शंकर मौर्या, रजत सिंह, रामगोपाल गुप्ता, सुशील कुमार यादव आदि रहे।
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