जौनपुर। कलेक्ट्रेट परिसर के क्रान्ति स्तंभ पर हिन्दुस्तान सोसलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी एवं लक्ष्मी बाई ब्रिगेड के कैडेटों द्वारा असहयोग आन्दोलन के आन्दोलनकारियों को घोड़े दौड़ाकर षहीद करने वालों को षुक्रवार को श्रद्धांजलि दिया। ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि उस आन्दोलन के दौरान लाखों आन्दोलन कारियों पर अंग्रेज सिपाहियों ने आन्दोलन को विफल करने के लिए घोड़े दौड़ा दिये। घायलों का दृष्य देखकर कोहराम मच गया। किन्तु क्रान्तिकारियों का जोष कम नहीं हुआ और लाखों की तादात में एकत्र होकर थाने को आग लगा दिया। अन्दर 22 अंग्रेज सिपाही जिन्दा जल मरे। यह खबर दुनिया में आग की तरह फैल गयी। इसके बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आन्दोलन वापस ले लिया। उन्होने कहा कि जिसके कारण अनगिनत लोग हंस हंस कर ष्षहादत देते चले आये आज सत्ता के लोलुप उन देष भक्त कहे जाने वालों को भूल गये। मंजीत ने अपील किया कि भारत की अखण्डता बनाये रखने सरहद पर सेना और स्वतंत्रता संग्रामके ष्षहीदों के नाम सिकका याद करंसी नोट जारी करे। सरकार ष्षहीदों का स्वेतपत्र जारी करे उनकी प्रारंभिक जीवनी पाठय पुस्तकों में पढ़ाई जाय। श्रद्धांजलि देने वालों में डा0 धरम सिंह, सन्तोष, रमेष, घनष्याम, राजू, संजय चैरसिया आदि मौजूद रहे।
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