कोरोना गाइडलाइन पर बरती जा रही लापरवाही

प्रयागराज,। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रसार अधिक होने में सरकार को पंचायत चुनाव के नाम पर कोसने वाले अब खुद सड़क पर हैं। संक्रमण की चेन तोड की बजाए कोरोना को आमंत्रण देने में कोई पीछे नहीं है। सप्ताह में पांच दिनों तक बाजार खुलने की सरकार से मिली राहत का फायदा उठाने की होड़ है। चौराहों और थानों के सामने बैरीकेडिंग लगाकर पुलिस गायब है जबकि पब्लिक, जाम के पुराने ढर्रे पर लौट आई है। बच्चों को भी कहीं ले जाने से लोग परहेज नहीं कर रहे हैं।लगभग सभी चौराहों पर इलेक्ट्रानिक पब्लिक एड्रेस सिस्टम से यही संदेश प्रसारित हो रहा है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। जरूरी काम हो तो ही घर से बाहर निकलें। मुंह और नाक पर मास्क लगाए रहें, शारीरिक दूरी बनाए रखें। कोरोना की तीसरी लहर जल्द ही आने और उससे बच्चों पर खतरे की आशंका बराबर जताई जा रही है। चेतावनी की यह लड़ी गाडिय़ों के फर्राटे, ठेलिया वालों की पुकार और दुकानों के बाहर हंसी ठिठौली में कहीं खो गई है।संगम से लेकर शहर की बाजारों में, गली कूचों से लेकर अस्पतालों में भी कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन करने में किसी से चूक नहीं हो रही है। कोरोना एयर बार्न है यानी हवा में वायरस उत्पन्न होकर लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। इससे बेफिक्री तो है ही, बाजार में खानपान सामग्री, हलवाई की दुकानों पर किसी की हथेली में वायरस का डर अब किसी में नहीं रहा।कोरोना की दूसरी लहर से ठीक पहले हुई लापरवाही का दोहराव एक और खतरे को आमंत्रण दे रहा है। शहर के बाजारों में ही नहीं, बस स्टैंड, टैक्सियों और ई-रिक्शों पर भी कोविड प्रोटोकाल के उल्लंघन की सभी सीमाएं टूट गई हैं। जिन्हें कोरोना की पहली लहर में घर से बाहर कुछ भी छूने से डर लग रहा था वे वायरस के बदले हुए और पहले से ज्यादा खतरनाक स्वरूप के बावजूद अपनी सुरक्षा को ताख पर रखे हैं।