देश ईज़ ऑफ लिविंग, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस 2.0 के लिए तैयार : मोदी

नयी दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट को देश की अर्थव्यवस्था को सही दिशा में एवं तेज गति से ले जाने वाला बताते हुए आज कहा कि देश जीवन की सुगमता ईज़ ऑफ लिविंग और कारोबार की सुगमता अर्थात ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के अगले चरण के लिए तैयार है।श्री मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को वर्जुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि विश्व भर के लोग एक सशक्त भारत देखना चाहते हैं। इसके लिए यह जरूरी है कि हम अपने देश को तेज गति से आगे ले चलें और विभिन्न सेक्टरों को मजबूत किया जाये। यह समय नयी आकांक्षाओं को पूरा करने का है। यह महत्वपूर्ण है कि भारत आत्मनिर्भर बने और इस आधार पर आधुनिक भारत का निर्माण हो।उन्होंने कहा, “ये समय नए अवसरों का है, नए संकल्पों की सिद्धि का समय है। बहुत जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर बने और आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो।” उन्होंने कहा कि सरकार कारोबारी सुगमता का दूसरा संस्करण ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस 2.0 शुरू करने के लिए तैयार है। हम सबने महामारी का मिल कर एवं मजबूती से सामना किया है। हमारी अर्थव्यवस्था के बुनियादी तत्व मजबूत हैं और दिशा सही एवं गति तेज हैं।प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने कल बहुत ही अच्छे ढंग से बजट के कुछ पहलुओं को हमारे सामने रखा है। बजट भाषण में पूरा बजट संभव नहीं होता है क्योंकि बजट में बहुत बड़ा दस्तावेज होता है, बारीकियां होती हैं और सदन में ये सब बोलना संभव भी नहीं होता है।उन्होंने कहा कि इस समय 100 साल में आई सबसे बड़ी वैश्विक महामारी से देश लड़ रहा है। कोरोना का ये कालखंड दुनिया के लिए अनेक चुनौतियां लेकर आया है। दुनिया उस चौराहे पर आकर खड़ी हो गई है जहां टर्निंग प्वाइंट निश्चित है। आगे जो दुनिया जो हम देखने वाले हैं, वो वैसी नहीं होगी, जैसी कोरोना से पहले थी।श्री मोदी ने कहा कि यह बजट गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं पर केन्द्रित है तथा इसका मकसद उन्हें बुनियादी जरूरतें मुहैया कराना है। हमारी सरकार बुनियादी सुविधाओं को हर जगह सुलभ कराने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से अब करीब 9 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचने लगा है। इसमें से करीब 5 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन जल जीवन मिशन के तहत पिछले 2 वर्षों में दिए गए हैं। बजट में घोषणा की गई है कि इस साल करीब 4 करोड़ ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि विशेष रूप से केन-बेतवा को लिंक करने के लिए जो हज़ारों करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, उससे यूपी और एमपी के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर भी बदलने वाली है। अब बुंदेलखंड के खेतों में और हरियाली आएगी, घरों में पीने का पानी आएगा, खेतों में पानी आएगा।उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में गरीबों को 80 लाख पक्के मकान देने का प्रावधान है। इसके लिए 48 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इससे उन्हें गरीबी से बाहर निकलने एवं तरक्की करने का मौका मिलेगा।जो गरीब थे झोपडपट्टी में रहते थे,अब उनके पास अपना घर है। पहले के मुकाबले इन घरों के लिए राशि भी बढ़ाई और घरों का साइज भी बढ़ाया है ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए जगह मिल जाए। बड़ी बात ये भी है कि इसमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम पर है यानि हमने महिलाओं को घर की मालकिन भी बनाया।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे देश में कोई क्षेत्र पिछड़ा रहे, ये ठीक नहीं। इसलिए हमने आकांक्षी जिला अभियान शुरू किया था। इन जिलों में गरीब की शिक्षा के लिए, स्वास्थ्य के लिए, सड़कों के लिए, बिजली-पानी के लिए जो काम हुए, उसकी प्रशंसा संयुक्त राष्ट्र ने भी की है। इस बजट में आकांक्षी जिलों में आकांक्षी ब्लॉकों को लेकर राज्यों के साथ समन्वय में काम करने की घोषणा की गयी है। इससे विकास कार्यों को समाज के सबसे निचले स्तर तक ले जा कर उनका सशक्तीकरण किया जाएगा।श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हमारी सेनाएं, हमारे जवान दिन-रात जुटे रहते हैं, जान की बाजी भी लगा देते हैं। लेकिन सीमा पर जो जवान तैनात हैं, उनके लिए सीमावर्ती गांव भी किले का काम करते हैं। इसलिए उन सीमावर्ती गांवों की देशभक्ति का जज्बा भी अद्भुत होता है। हमने भारत की सीमावर्ती गांवों के विकास का फैसला किया है। इसके लिए हम समग्रता से सभी गांवों में बिजली, पानी एवं अन्य सुविधाओं को मुहैया कराएंगे।उन्होंने कहा कि राष्ट्र रक्षा से जुड़े एक और बड़े अभियान की बजट में घोषणा की गई है। ये है – पर्वतमाला परियोजना। ये हिमालय के क्षेत्रों में आधुनिक कनेक्टिविटी और आधुनिक अवसंरचना को विस्तार देने वाली है। पर्वतमाला परियोजना हिमालय क्षेत्र को कनेक्टिविटी एवं ढांचागत सुविधा मुहैया कराएगी। इससे पर्यटकों, तीर्थयात्रियाें और सबसे महत्वपूर्ण हमारी सेनाओं को आसानी से आवागमन की सुविधा मिलेगी। इससे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा। पहाड़ के लोग प्रतिभासंपन्न होते हैं। खेलों से लेकर सेना तक कई क्षेत्रों में उनकी काबिलियत जगजाहिर है।श्री मोदी ने कहा कि आज समय की मांग है कि भारत की कृषि भी आधुनिक बने, नए तौर-तरीके अपनाएं। किसानों पर बोझ कम हो। देश की कृषि को टेक्नॉलॉजी आधारित और रसायन मुक्त बनाने के लिए बड़े कदम इस बजट में उठाए गए हैं। बीते बजट में हमने किसान रेल और किसान उड़ान की सुविधा सुनिश्चित की, अब किसान ड्रोन किसान का नया साथी बनने वाला है। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक से किसान को तो मदद मिलेगी ही, उत्पादन का रियल टाइम डेटा भी उपल्बध होगा। इससे जुड़े स्टार्ट-अप्स को फंड करने के लिए नाबार्ड के माध्यम से मदद भी दी जाएगी।उन्होंने कहा कि हमने करीब ढाई हजार किलोमीटर की लंबाई और करीब दस किलोमीटर की चौड़ाई में प्राकृतिक खेती का कॉरीडोर बनाने के लिए कदम उठाये हैं। पहले चरण में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के किनारे यह कॉरीडोर बनेगा। यह एक समग्र ईको सिस्टम होगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि हर साल जो लाखों करोड़ रुपए हम खाद्य तेल खरीदने के लिए विदेश भेजते हैं वो देश के किसानों को ही मिले, इसके लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं। अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने का एक बड़ा अभियान निरंतर चल रहा है जिसके माध्यम से खेत में ही सोलर पैनल लगाने के लिए मदद दी जा रही है। आज हमारे देश में खाद्य तेलों का बड़े पैमाने पर आयात किया जा रहा है और हम आयात पर निर्भर हैं। दालें पोषण के लिए आवश्यक हैं। खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए हमने एक राष्ट्रीय मिशन चलाया है और इससे भी किसान मजबूत होंगे।श्री मोदी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भी अनेक प्रकार की बातें फैलाई गईं हैं। लेकिन सरकार ने बीते सालों में एमएसपी पर रिकॉर्ड खरीद है। सिर्फ धान की ही बात करें तो इस सीज़न में किसानों को एमएसपी के रूप में डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक मिलने का अनुमान है।उन्होंने कहा कि भाजपा युवा आकांक्षाओं और युवा सपनों को समझती है। ये इस बजट में भी स्पष्ट रूप से दिखता है। इस बजट में स्टार्ट अप्स के लिए कर लाभों को आगे बढ़ाया गया है। इस साल के बजट में पीएम किसान सम्मान नीधि के तहत 68 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ये राशि भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इसका लाभ भी देश के करीब 11 करोड़ किसानों को होगा।उन्होंने कहा कि बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 36 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। रेलवे द्वारा भी छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के प्रावधान किये गये हैं। हमने इस बजट में स्टार्ट अप्स को भी कर रियायतें दी हैं। युवाओं को नवान्वेषण और अनुसंधान एवं विकास के लिए प्रेरित करने के वास्ते भी प्रावधान किये हैं।उन्होंने कहा कि युवाओं को शिक्षा और कौशल के बेहतर अवसर देने के लिए बीते वर्षों में तकनीक का दायरा निरंतर बढ़ाया गया है। इस बजट में इसे विस्तार देते हुए पहला डिजिटल विश्वविद्यालय बनाने का फैसला किया गया है। इससे गरीब बच्चे भी छोटे मोटे पाठ्यक्रम, गुणवत्ता वाली शिक्षा के साथ आसानी से कर पाएगा। उन्होंने कहा कि बीते सात साल में खेलाें के लिए बजट में तिगुनी वृद्धि की गयी है। इससे हमारे युवाओं को लाभ होगा। देश को गौरव दिलाने वाले ये युवा अधिकांशत: किसानों के परिवारों से आते हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि अब पोस्ट ऑफिस के खातों में भी बैंकों की तरह ही मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम और ऑनलाइन फंड ट्रांस्फर की सुविधा मिल पाएगी। अभी देश में डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट ऑफिस हैं, जिसमें से अधिकतर गांवों में हैं। पोस्ट ऑफिस में जिनके सुकन्या समृद्धि अकाउंट और पीपीएफ अकाउंट हैं, उनको भी अब अपनी किश्त जमा करने पोस्ट ऑफिस जाने की ज़रूरत नहीं है। अब वो सीधे अपने बैंक अकाउंट से ऑनलाइन ट्रांसफर कर पाएंगे।श्री मोदी ने आज सस्ता और तेज इंटरनेट भारत की पहचान बन चुका है। बहुत जल्द सभी गांव तक ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी पूरी होगी। 5जी सर्विस भारत में जीवन की सुगमता अर्थात ईज़ ऑफ लिविंग और कारोबार की सुगमता अर्थात ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को एक अलग ही आयाम देने वाली है।उन्होंने कहा कि आज के अखबारों में केन्द्रीय बैंक डिजीटल मुद्रा की भी काफी चर्चा है। इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था को बहुत बल मिलेगा। ये डिजिटल रुपया अभी जो हमारी फिजिकल करेंसी है उसका ही डिजिटल स्वरूप होगा और इसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। इसकी फिजिकल करेंसी से अदला बदली की जा सकेगी। हमारे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भारतीय अर्थव्यवस्था के सशक्ततम स्तंभ रहे हैं।उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान हमने आपातकालीन ऋण गांरटी योजना ईसीजीएलएस शुरू की थी। इससे करीब डेढ़ करोड़ रोजगार बचे और छह करोड़ परिवारों को मदद मिली। उत्पादकता आधारित छूट (पीएलआई) योजना भी एक अच्छा उदाहरण है। आज भारत मोबाइल विनिर्माण का केन्द्र बन कर उभर रहा है। हम ऑटोमोबाइल एवं बैटरी विनिर्माण क्षेत्र में अच्छे परिणाम देख रहे हैं।उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में सार्वजनिक निवेश केवल एक लाख 87 हजार करोड़ रुपए का था। इस साल के बजट में हमने साढ़े सात लाख करोड़ रुपए का सार्वजनिक निवेश किया है। इससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा और देश में आधुनिक अवसंरचना तैयार होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में भारत का निर्यात 2 लाख 85 हजार करोड़ रुपये होता था। आज भारत का निर्यात 4 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का आसपास पहुंचा है।श्री मोदी ने कहा कि पिछले बजट में खाद की सब्सिडी 80 हजार करोड़ रुपये से भी कम रखी गई थी, लेकिन कोरोना के कारण अंतरराष्ट्रीय कीमतों में, आपूर्ति श्रृंखला चेन में गड़बड़ होने के कारण बहुत बड़ा उछाल आया। अब जहां हमने करीब 80 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, हमें 60 हजार करोड़ रुपये और लगाने पड़े। किसान पर बोझ न पड़े इसलिए सरकार ने इस बढ़ी हुई कीमत को वहन किया। इस बजट में इस सब्सिडी को 79 हजार करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ लाख करोड़ रुपये किया गया है।उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में राष्ट्रीय राजमार्ग 90 हजार किलोमीटर लंबे थे जो 68 साल में बनाये गये थे। बीते सात साल में हमने 50 हजार किलोमीटर का इजाफा किया है। पीएम गतिशक्ति के अंतर्गत नये राष्ट्रीय राजमार्ग बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 4 जगहों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क बनाए जाएंगे। मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। इससे उद्योगों, व्यापार के लिए किसी भी चीज के लाने ले जाने में लगने वाला समय कम होगा, भारत से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।