मास्को। यूक्रेन को लेकर नाटो देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर जोरदार निशाना साधा है। पुतिन ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए आरोप लगाया कि अमेरिका यूक्रेन का इस्तेमाल रूस को घेरने के लिए कर रहा है। उन्होंने आशा जताई कि रूस और पश्चिमी देश यूक्रेन को लेकर चल रहे सुरक्षा संकट का हल तलाश लेंगे। पुतिन ने यह भी कहा कि रूस अमेरिका और नाटो देशों की ओर से भेजे गए जवाब का अध्ययन कर रहा है। हालांकि पुतिन ने यह भी कहा कि अमेरिका और नाटो के जवाब पर्याप्त होने से काफी दूर हैं। उन्होंने कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस की प्रमुख सुरक्षा मांगों की अनदेखी की है। यूक्रेन पर पश्चिमी देशों के साथ गतिरोध पर एक महीने से अधिक समय में पुतिन ने अपनी पहली टिप्पणी में पश्चिमी देशों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया। पुतिन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पश्चिमी देशों ने रूस की इन मांगों को नजरअंदाज कर दिया है कि नाटो यूक्रेन और अन्य पूर्व-सोवियत देशों तक अपना विस्तार नहीं करेगा और रूस की सीमा के नजदीक आक्रामक हथियार तैनात नहीं करेगा।पुतिन ने यह भी कहा कि वह तनाव कम करने के लिए और भी बातचीत करने को तैयार हैं। पुतिन ने हंगरी के प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के बाद पत्रकारों से कहा। पुतिन नाटो देशों से बार-बार यह मांग कर रहे हैं कि नाटो के विस्तार और हथियारों की तैनाती को रोकने के लिए कानूनी रूपी से बाध्य गारंटी दी जाए। वह यह भी चाहते हैं कि नाटो देश 1997 की स्थिति के पहले की सैन्य पोजिशन पर वापस चले जाएं। पुतिन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं है। उनका मुख्य लक्ष्य रूस के विकास को रोकना है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन इस लक्ष्य को हासिल करने का एक टूल मात्र है। मैं आशा करता हूं कि अंत में हम एक समाधान तलाश लेंगे। हालांकि यह बहुत आसान नहीं होगा। इस बीच हंगरी के पीएम ने कहा है कि यूक्रेन को लेकर रूस और नाटो देशों के बीच गंभीर मतभेद हैं लेकिन कम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस के खिलाफ प्रतिबंध बहुत प्रभावी नहीं है।
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