चित्रकूट। कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाने के लिए जिले में घर-घर अभियान चलाकर कोरोना लक्षण वालों की पहचान की जा रही है। इसमें तीन दिनों में 169 लोग मिले हैं। कोविड के मिलते जुलते लक्षण वाले लोगों को मेडिकल किट भी दी जा रही है। यह अभियान 29 जनवरी तक चलेगा।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भूपेश द्विवेदी ने बताया कि अभियान का उद्देश्य कोरोना की रफ्तार को रोकने के साथ ऐसे लोगों की पहचान करना है, जिन्होंने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है। इसके साथ ही दो वर्ष से छोटे ऐसे बच्चों और गर्भवती को खोजना है जिन्हें अब तक नियमित टीका नहीं लगा है। टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि 60 वर्ष से ऊपर और 15 से 17 वर्ष के ऐसे लोग जिन्होंने अभी तक टीके नहीं लगवाए हैं उन्हें भी चिन्हित करें। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. आरके चैरिहा ने बताया कि कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान होते ही उन्हें मेडिकल किट दी जा रही है। इसके साथ ही उन्हें कोविड-19 परीक्षण के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेडिकल किट को चार कैटेगरी में विभाजित किया गया है। इसमें शून्य से एक साल के बच्चे, दो साल से पांच साल, पांच से 12 साल तक के बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा 12 वर्ष से अधिक के सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए किट बनाई गई है। उन्होंने बताया कि बच्चों की किट में सभी दवाएं सीरप के रूप में हैं। जबकि 12 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों के लिए दवाई टेबलेट के रूप में है। किट में एक पर्ची डाली गई है। जिसमें किस आयु वर्ग के लोगों को कितनी मात्र में, कितनी बार और कितने क्षमता की दवाएं लेनी है। इसका उल्लेख हैद्य उन्होंने बताया कि वयस्क वर्ग में पेरासिटामोल 500 एमजी जो बुखार आने पर लेनी है। आईवरमेक्टिन 12 एमजी, एजिथ्रोमायसिन 500 एमजी के साथ मल्टी विटामिन शामिल है। एपिडेमियोलॉजिस्ट डा. बिलाल अहमद ने बताया कि घर घर सर्वे के लिए कुल 196 टीमें लगाई गई हैं। टीम में आशा और आंगनबाडी कार्यकर्ता शामिल हैं द्य एक टीम को 75 से 125 घर सर्वे करना है। उन्होंने बताया कि तीन दिनों में 169 लोग मिले हैं।
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