मिहींपुरवा, बहराइच। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज के नौसर गुमटिहा गांव में सोमवार देर रात को दूसरा तेंदुआ भी वहां लगे पिंजड़े में कैद हो गया। वन विभाग की टीम द्वारा तेंदुए को मोतीपुर रेंज कार्यालय लाया गया। जहां डॉक्टरों द्वारा तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज अंतर्गत जंगल से सटे गांवों में बीते एक सप्ताह से खूंखार तेंदुआ आतंक मचाए हुए थे। जिसके हमले में चार मासूमों की मौत के बाद वन महकमा सजग हुआ। जिसके बाद क्षेत्र में कई तेंदुओं के मौजूदगी की पुष्टि वन विशेषज्ञों ने की। जिस पर नौसर गुमटिहा गांव में दो स्थानों पर पिंजड़ा लगाया गया था। जिसमें रविवार की रात 7 बजे के आसपास तीन वर्ष का नर तेंदुआ पिंजड़ा में कैद हुआ था। जिसे गोरखपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया है। वहीं सोमवार रात 9 बजे के आसपास दूसरा तेंदुआ भी नौसर गुमटिहा के बेहननपुरवा गांव में लगे पिंजड़े में कैद हो गया है। जिसकी सूचना वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र मौर्य ने प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप वधावन को दी। तेंदुए को सकुशल रेंज कार्यालय मोतीपुर लाया गया। डीएफओ ने बताया कि 24 घंटे में दूसरा तेंदुआ भी पिंजड़े में कैद हुआ है। अब क्षेत्र में तेंदुए के मौजूदगी की संभावना नहीं है। तेंदुए को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद जंगल में छोड़ दिया जायेगा। इसके लिए उच्चाधिकारियों से बात की जा रही है। उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार ही तेंदुए को जंगल में छोड़ा जाएगा। ग्रामीणों के अनुसार मोतीपुर रेंज के बेहननपुरवा गांव में बकरी के शिकार में तेंदुआ पिंजड़े में कैद हुआ है। जो काफी खूंखार दिख रहा है। ऐसा लग रहा है कि चार मासूमों को मौत की घाट उतारने वाला यही तेंदुआ है। इसके पकड़े जाने के बाद से ग्रामीणों ने राहत सांस ली है।
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