देवरिया । जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया है कि प्रायः यह संज्ञान में आता है कि भूमि संबंधी विवाद विशेषकर आबादी आदि से संबंधित विवाद निस्तारण हेतु सीधे थानाध्यक्ष को उप जिलाधिकारियों द्वारा प्रेषित कर दिए जाते है, जिनकी स्तर पर इन विवादो का निस्तारण सही ढंग से नही हो पाता है और समस्या जैसे की तैसी बनी रहती है, इनमें बहुत से प्रकरण यद्यपि कि सिविल प्रकृति के होते है, फिर भी शांति व्यवस्था की दृष्टि से आपसी सुलह समझौते से निस्तारण किया जा सकता है। इसके दृष्टिगत जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि आबादी भूमि संबंधी विवादों को निस्तारित कराने हेतु प्रकरण में राजस्व एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम गठित कर उसे मौके पर निस्तारण हेतु भेजा जाये। उन्होने यह भी निर्देश दिया है कि ऐसे प्रकृति के विवादो के सुलह समझौते से निस्तारण के उपरान्त मौके पर ही स्पाट मेमों की तीन प्रतियां बनवाते हुए उपस्थित व्यक्तियों एवं राजकीय कर्मियों के हस्ताक्षर/अंगूठे के निशान का अंकन कराकर उन प्रतियों को क्रमशः तहसील, थाने एवं ग्राम पंचायत में सुरक्षित रखा जाये। भविष्य में पुनः विवाद की स्थिति में पूर्व के हुए सुलह समझौते का संज्ञान विवाद के निस्तारण में लिया जाये। जिलाधिकारी ने इसका अनुपालन कडाई से सुनिश्चित किए जाने निर्देश दिया है।
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