अभिव्यक्ति की आड़ में पैगंबर को अपशब्द गलत, इमरान ने की पुतिन की तारीफ

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार साझा किए। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के बयान के मुताबिक, बातचीत में खान ने पुतिन के उस कड़े बयान की प्रशंसा की, जिसमें रूसी राष्ट्रपति ने कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में पैगंबर को अपशब्द कहना गलत है। पुतिन के साथ फोन पर हुई बातचीत में इमरान ने कहा कि उन्होंने यूएन महासभा में अपने संबोधन में इस्लामोफोबिया और इससे संबंधित घृणा के संबंध में वृद्धि का उल्लेख किया है। साथ ही इसके गंभीर प्रभावों की ओर भी इशारा किया है। बयान के मुताबिक, खान ने राष्ट्रपति पुतिन के उस बयान की प्रशंसा की कि पवित्र पैगंबर मोहम्मद के अपमान करने को कलात्मक स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के रूप में नहीं देखा जा सकता।खान ने कहा, ‘वह (पुतिन) ऐसे पहले पश्चिमी नेता हैं, जिन्होंने प्रिय पैगंबर के लिए मुसलमानों की भावनाओं के प्रति सहानुभूति और संवेदनशीलता दिखाई है।’ खान ने कहा कि उनकी पाकिस्तान और रूस के बीच व्यापार और अन्य पारस्परिक हित वाले बिंदुओं पर आगे बढ़ने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा हुई और दोनों ने एक-दूसरे को अपने-अपने देशों का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि पैगंबर मोहम्मद के अपमान को ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ नहीं माना जा सकता। अपनी वार्षिक प्रेस कान्फ्रेंस में पुतिन ने कहा कि पैगंबर का अपमान ‘धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन और इस्लाम को मानने वाले लोगों की पवित्र भावनाओं के खिलाफ है। अब पुतिन के इस बयान के समर्थन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान उतर आए हैं। इमरान खान खुद को मुसलमानों का सबसे बड़ा हमदर्द बताते हैं, हालांकि उइगरों पर होते अत्याचार पर उनके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकलता। पुतिन ने अपने बयान में वेबसाइटों पर नाजियों की तस्वीरें पोस्ट करने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के काम चरमपंथ को जन्म देते हैं। पुतिन ने उदाहरण के तौर पर पेरिस में चार्ली हेब्दो मैग्जीन के संपादकीय कार्यालय पर हुए हमले का हवाला दिया जिसने पैगंबर के कार्टून प्रकाशित किए थे। कलात्मक स्वतंत्रता की तारीफ करते हुए पुतिन ने कहा कि इसकी कुछ सीमाएं हैं और इसे अन्य स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।