सऊदी अरब ने भारतीयों को बिना क्वारंटाइन सीधे प्रवेश की अनुमति दी

रियाद । सऊदी अरब ने नौकरी कर रहे भारत, पाकिस्‍तान समेत 6 देशों के लोगों को बड़ी राहत दी है। इन देशों के लोगों को अब किसी तीसरे देश में 14 दिनों तक क्‍वारंटाइन में नहीं बिताना होगा। यह नया आदेश इस साल 1 दिसंबर से लागू हो जाएगा। पिछले साल फरवरी महीने में वैश्विक स्‍तर पर कोरोना के प्रसार के बाद यात्रियों के सीधे प्रवेश पर रोक लगा दिया गया था। जानकारह के मुता‎बिक सऊदी अरब ने ब्राजील, वियतनाम, इंडोनेशिया, मिस्र के लोगों को भी अब सीधे प्रवेश की अनुमति दे दी है। हालांकि इन सभी देशों से आने वाले लोगों को पांच ‎दिन के ‎लिए संस्‍थागत क्‍वारंटीन रहना होगा। हालांकि यह उनके कोरोना वैक्‍सीन लगवाने की स्थिति पर निर्भर करेगा। सऊदी अरब का स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय सभी नियमों और कदमों की समीक्षा करता रहेगा। गृह मंत्रालय का कहना है ‎कि जो लोग सऊदी अरब आना चाहते हैं, उन्‍हें सभी स्‍वास्‍थ्‍य उपायों को मानना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे संक्रमण से मुक्‍त हैं। इससे पहले पिछली फरवरी महीने में ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका और ब्राजील के वेरिएंट के आने के बाद सीधे प्रवेश पर रोक लगा दिया गया था। इसके पीछे डर यह था कि इन नए वेरिएंट के आने से वैक्‍सीन कम प्रभावी हो जाएगी। गौरतलब है ‎कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात समेत कई खाड़ी व अन्य देशों के बीच यात्रा करने वाले लोग इस समय परेशान हो रहे हैं। सभी पूछ रहे हैं कि आखिर भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं पर लगा प्र‎तिबंध कब हटेगा? इसकी वजह से न सिर्फ दोनों देशों के बीच एयर रूट पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है बल्कि किराया भी आसमान छू रहा है, लेकिन यूएई जाने वाले या भारत आने वाले यात्रियों को जल्द ही इस असुविधा से राहत मिल सकती है। नागरिक उड्डयन सचिव राजीव बंसल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं के इस साल के अंत तक सामान्य होने की उम्मीद है। कोविड महामारी के कारण पिछले साल मार्च के बाद से भारत में आने वाली और यहां से अन्यत्र जाने वाली अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान सेवाएं निलंबित हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के लिए 25 से अधिक देशों के साथ एयर बबल समझौता किया है। वैश्विक गंतव्यों तक उड़ान सेवाएं सामान्य होने के बारे में बंसल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं के बहुत जल्द और इस साल के अंत तक सामान्य होने की उम्मीद है। एयर बबल समझौता दो देशों के बीच उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने की एक अस्थायी व्यवस्था है। द्विपक्षीय एयर बबल समझौते के तहत दोनों देशों की एयरलाइंस कुछ शर्तों के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित कर सकती हैं।