पुलिस को चकमा देकर हाजी रज़ा समेत तीन ने अदालत में किया सरेंडर

फतेहपुर। भाजपा नेता फैजान रिज़वी से मारपीट मामले में सदर विधायक विक्रम सिंह के हस्तक्षेप के बाद नगर पालिका परिषद चेयरमैन प्रतिनिधि हाजी रजा मोहम्मद समेत पांच लोगों पर दर्ज मुकदमे में पुलिस के बढ़ते दबाव को देखते हुए गुरुवार को हाजी रज़ा समेत तीन अभियुक्तों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। जहां से तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।बीते मंगलवार को नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि हाजी रज़ा व अन्य द्वारा भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी फैजान रिज़वी के साथ मारपीट की गयी थी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सदर विधायक विक्रम सिंह ने सदर कोतवाली पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराने के लिये धरना प्रदर्शन किया था। विधायक की पहल पर पुलिस ने हाजी राजा समेत पांच लोगों को नामजद करते हुए बीस अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध डकैती, हत्या का प्रयास समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से पुलिस नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि हाजी रज़ा समेत सभी अभियुक्तों की सरगर्मी से तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थी। गुरुवार को पुलिस की तमाम नाकेबंदी को धता बताते हुए चेयरमैन प्रतिनिधि हाजी रज़ा ने सभासद मो. आयाज उर्फ़ राहत व शमशाद के साथ अपने अधिवक्ताओं के ज़रिए मुख्य दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत में हाजी रज़ा के आत्मसमर्पण करने की खबर जंगल के आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते क्षेत्राधिकारी संजय कुमार सिंह, सदर कोतवाल अनूप कुमार सिंह समेत कई थानों की फोर्स सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से न्यायालय पहुंच गई और घेराबन्दी कर लिया। अदालत के निर्देश पर सभी अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। नगर पालिका चेयरमैन प्रतिनिधि समेत तीनों अभियुक्तों को क्षेत्राधिकारी संजय कुमार सिंह के निर्देशन में भारी पुलिस के साथ जिला कारागार ले जाया गया। भाजपा नेता फैजान रिज़वी के साथ हुई मारपीट की घटना में सदर विधायक विक्रम सिंह द्वारा धरना प्रदर्शन के पश्चात दर्ज हुए मुकदमे के बाद पुलिस पर हाजी रज़ा समेत सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी का दबाव पड़ रहा था। पुलिस की बार बार की जा रही छापेमारी से हाजी रज़ा की माँ व नगर पालिका की चेयरपर्सन नज़ाकत खातून की तबियत भी बिगड़ गयी थी। जिन्हें इलाज के लिये कानपुर में रिफर किया गया था। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह द्वारा चेयरमैन प्रतिनिधि समेत सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये गठित कई टीमें लगातार छापेमारी कर रही थी। हाजी रज़ा समेत निकटवर्ती लोगों के ठिकाने में लगातार पुलिस रेड डाली जा रही थी। रज़ा के आत्मसमर्पण की अटकलें भी लगाई जा रही थी जिसके लिए न्यायालय के पास पास भी पुलिस की तैनाती की गयी थी। वहीं लगातार पुलिस के कसते शिकंजे के बाद चेयरमैन प्रतिनिधि हाजी रज़ा, सभासद मो. अयाज़ राहत, शमशाद ने अधिवक्ताओं एवं वरिष्ठ सपाइयों के साथ न्यायालय पहुँचकर आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस की तैयारियों को चकमा देकर चेयरमैन प्रतिनिधि हाजी रज़ा के आत्मसमर्पण की दिनभर चर्चाएं होती रही।