वी०आई०पी० के प्रदेश अध्यक्ष पद व प्राथमिकता सदस्यता से त्यागपत्र

लखनऊ ।विकासशील इंसान पार्टीयवी आईपी के प्रदेश अध्यक्ष चैण् लौटनराम निषाद ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।उन्होंने जारी अपने बयान में कहा कि वीआईपी संस्थापक व बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी प्रत्यक्ष नहीं तो परोक्ष रूप से संविधानए लोकतंत्रए सामाजिक न्याय विरोधी ताकतों की मदद की कवायद में जुटे हुए हैं।कहा कि हम डॉ अम्बेडकर बीपी मण्डल एक र्पूरी ठाकुर ज्योतिबा फूले छत्रपति शाहू जी महाराज रामचरण निषाद राष्ट्रमाता साबित्री बाई फुले डॉ फातिमा शेखएरामलखन चन्दापुरी बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा पेरियार ईवी रामास्वामी नायकर चैण्महाराज सिंह भारती स्वामी ब्रह्मानन्द लोधी वीरांगना फूलन देवी पेरियार ललई सिंह यादव आदि महान विभूतियों की विचारधारा व व्यक्तित्व कृतित्व में आस्था रखता हूँ।किसी भी स्थिति परिस्थिति में सामाजिक न्याय मंडल वाद व अम्बेडकरवाद को दरकिनार कर निजस्वार्थ में संविधान लोकतंत्र व सामाजिक न्याय विरोधी ताकतों की मदद नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष पद से ईस्तीफा देने के बाद समर्थको को भ्रमित करने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने का समाधान वायरल किया। मेरा वी०आई०पी० से अब किसी भी तरह का संबंध नहीं है। संविधान दिवस के अवसर पर संविधान, लोकतंत्र व सामाजिक न्याय के संरक्षण के संकल्प के साथ अगली राजनीतिक पहल की शुरूआत करेंगे।निषाद ने वीआईपी प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि भाजपा संविधानए लोकतंत्र सामाजिक न्याय व आरक्षण को कुंद व निष्प्रभावी करने में जुटी हुई है।गुरु गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स व वी ऑर अवर नेशनहुड डिफाइंड की विचारधारा को आगे बढ़ा रही है।ऐसी स्थिति में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संघ व भाजपा की नीतियों के साथ नहीं जुट सकता हूँ।लेटरल इन्ट्री के माध्यम से संघ लोकसेवा आयोग को कमजोर किया जा रहा है।भाजपा ने आरक्षण का लॉलीपॉप दिखाकर व श्रीराम.निषादराज की मित्रता का हवाला देकर 2014,2017 व 2019 में थोक में निषाद बिन्द कश्यप लोधी समाज का वोट लिया।पर सत्ता पाने के बाद पिछडों अति पिछड़ों दलितों के साथ सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक अन्याय दोयमदर्जे का बर्ताव कर रही है।संघ लोक सेवा आयोग व राज्य लोक सेवा आयोग के साक्षात्कार में षडयंत्र ओबीसी एससी व एसटी के अभ्यथियों को चयन प्रक्रिया से बाहर करा रही है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा 86 में 56 यादव एसडीएम बनाने का झूठा दुष्प्रचार कर यादव गैरयादव व हिन्दू-मुस्लिम के मध्य नफरत की भावना पैदा कर सत्ता को हथियाने के बाद तुच्छ जातिवाद को मजबूत करते हुए ओबीसी एस सी एसटी के साथ घोर अन्याय कर रही है।