प्रयागराज। ओम नमः शिवाय के बलुवाघाट स्थित आश्रम में दीप पर्व दीपावली धूमधाम से गुरुवार को मनाया गया। इस दौरान भगवान श्री रामचंद्र जी के लंका से अयोध्या आने पर नगर वासियों ने भव्य स्वागत किया और खुशी में लाखों दीप जलाए। आश्रम प्रांगण में भगवान श्री रामचंद्र जी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई । इस दौरान उनके साथ माता जानकी और छोटे भाई भगवान लक्ष्मण भी थे। ओम नमः शिवाय आश्रम के पूज्य प्रभु गुरुदेव के नेतृत्व में भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो आश्रम के प्रांगण में होते हुए मुख्य सभागार में पहुंची जहां पर हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान की आरती उतारी और उनका विधि विधान से पूजन किया। इस दौरान बैंड बाजे बज रहे थे और शानदार झांकियां नृत्य करते हुए साथ में चल रही थी। पूज्य गुरुदेव ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म का सबसे सबसे प्रमुख और सबसे शुभ दिन है। इस दिन हमारे भगवान श्री रामचंद्र जी ,माता जानकी और लक्ष्मण के साथ आसुरी शक्तियों का विनाश करके अयोध्या लौटे हैं। ऐसे में हम सभी को इनका बारंबार प्रणाम करते हुए धन्यवाद करना चाहिए । उन्होंने कहा कि जिन आसुरी शक्तियों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था और लोग परेशान हो गए थे । उन असुरी शक्तियों के विनाश के लिए प्रभु मानव स्वरूप में अवतरित हुए। इस दौरान प्रभु ने विविध लीलाओं से भक्तों को जहां मुक्ति के मार्ग दिखाएं वही उनके कल्याण के लिए बहुत सारे कार्य किए ऐसे में हम लोगों का भी धर्म और कर्म बनता है कि हम लोग अपने आसपास रहने वाले लोगों का ध्यान रखें उनकी मदद करें उनको आगे बढ़ने में सहायक बने हम कोई ऐसा काम ना करें जिससे कि लोगों को किसी भी प्रकार का कष्ट हो। पूज्य गुरुदेव ने कहा कि धर्म सबसे प्रमुख होता है। आदमी के साथ अंत समय में उसका धर्म और कर्म जाता है ऐसे में सभी लोग अच्छा कर्म करें जिससे कि उनका धर्म और आने वाला समय का सुखद और अच्छा हो। पूज्य गुरुदेव ने भगवान श्री रामचंद्र जी द्वारा वन में किए गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान रामचंद्र जी ने मानव के लिए जो भी काम किया वह सनातन धर्म की और लोगों की भलाई के लिए था। अंत में विशाल भंडारे के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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