काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। काबुल के नजदीक सैन्य अस्पताल में हुए आत्मघाती हमले में सिराजुद्दीन हक्कानी के मुख्य सैन्य रणनीतिकार और काबुल के कमांडर हमदुल्ला मुखलिस की मौत हो गई है. काबुल पर कब्जे के बाद हमदुल्ला ही सबसे पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी के ऑफिस में दाखिल हुआ था. अशरफ गनी की कुर्सी पर बैठे मौलवी हमदुल्ला मुखलिस की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुई थीं. हमदुल्ला तालिबान की स्पेशल फोर्स बद्री ब्रिगेड का कमांडर भी था. इसी ब्रिगेड को काबुल में सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है. इस हमले में 19 लोगों की मौत हुई है, जबकि 50 लोग जख्मी हुए हैं. इस हमले की जिम्मेदारी फौरन किसी संगठन ने नहीं ली है. यह अगस्त में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज़ होने का बाद अब तक का सबसे दुस्साहसी हमला है. पहले के हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने ली है जो तालिबान के दुश्मन हैं. आईएसआईएस-के के आतंकी अब अपने सबसे महत्वपूर्ण टारगेट की हत्या करने में सफल हो गए हैं. हमदुल्ला तालिबान का सबसे करिश्माई नेता था. इससे निश्चित रूप से तालिबानी नेतृत्व हिल गया होगा. बिलाल ने कहा कि आने वाले दिनों और महीनों में होने वाली घटनाओं पर हमें करीबी नजर रखनी होगी. उन्होंने सवाल किया क्या यह अफगानिस्तान में एक नई अव्यवस्था की शुरुआत है? क्या इससे तालिबान का मनोबल प्रभावित होगा ? क्या इस हमले से आईएसआईएस-के का मनोबल बढ़ेगा और वह तालिबान नेतृत्व के खिलाफ और ज्यादा हमले करेगा?तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि विस्फोट 400 बेड वाले सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल के प्रवेश द्वार पर हुए. इसके बाद इस्लामिक स्टेट के बंदूकधारियों के एक समूह ने हमला किया, जिनमें से सभी 15 मिनट के भीतर मारे गए. मुजाहिद ने यह भी बताया कि तालिबान के स्पेशल फोर्सेज कमांडो टीम को हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल परिसर में एयर ड्रॉप किया गया.
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