लखनऊ।अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (एन0एच0डी0पी0) के अंतर्गत प्रदेश में बुनकर बाहुल्य जनपदों से ब्लाक लेवल पर क्लस्टर विकास हेतु कम से कम 30 प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि क्लस्टर्स के विकास से राज्य के बुनकरों का विकास होगा, बुनकरों के उत्पादों की गुणवत्ता बढेघ्गी, उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।डा0 सहगल लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में भारत सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने एन0एच0डी0पी0 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है। इन दिशा-निर्देशां के तहत बुनकर विकास कार्यक्रम को तत्परता से आगे बढ़ाया जाय। भारत सरकार ने एन0एच0डी0पी0 के क्रियान्वयन हेतु छः घटक निर्धारित किये हैं, जिनके अनुसार योजना का कार्यान्वयन किया जाना है।अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि हैण्डलूम मार्केटिंग असिस्टेंस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के प्रमुख 30 जनपदों से हथकरघा उत्पादों पर आधारित स्पेशल हैण्डलूम एक्सपो के आयोजन का प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाय। साथ ही लखनऊ में वृहद स्तर पर नेशनल हैण्डलूम एक्सपो आयोजित किया जाने का प्रस्ताव भी भारत सरकार की स्वीकृति हेतु भेजा जाय। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बुनकरों की अधिकता वाले सभी जनपदों को कवर किया जाना है और वहां पर प्रत्येक वर्ष मेगा मेले का आयोजन कराया जायेगा। इससे हथकरघा उत्पादों का प्रमोशन भी होगा। उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष में अभी तक स्वीकृत स्पेशल हैण्डलूम का आयोजन यथाशीघ्र कराये जाने के निर्देश भी दिये।डा0 सहगल ने मेगा हैण्डलूम क्लस्टर की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन जनपदों में 10 हजार हथकरघा उपलब्ध है, उन जनपदों से मेगा हैण्डलूम क्लस्टर के प्रस्ताव उपलब्ध करायें। भारत सरकार प्रत्येक मेगा क्लस्टर की स्थापन हेतु 30 करोड़ रुपये की धनराशि देगी। उन्होंने कन्सेशनल क्रेडिट एवं बुनकर मुद्रा ऋण की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि हथकरघा बुनकरों के लिए लोन का कवरेज बढ़ाया जाय। अधिक से अधिक ऋण आवेदन पत्र बैंकों को भेजे जायं। साथ ही सामान्य मुद्रा ऋण योजना के अन्तर्गत 50 हजार से अधिक पावरलूम बुनकरों लाभान्वित किया जाय। आगामी 15 दिसम्बर से एक लाख बुनकरों को मुद्रा ऋण योजना से लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हैण्डलूम बुनकर वेलफेयर योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा की गई अपेक्षा के अनुरूप आवश्यक राज्य मांग की जाय। साथ ही हथकरघा बुनकरों को रियायती दर पर क्रेडिट में धागे की उपलब्धता कराये जाने हेतु विकास आयुक्त (हथकरघा), भारत सरकार को उनकी तरफ से पत्र भेजा जाय। उन्होंने कहा कि इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ हैण्डलूम टेक्नॉलाजी (आईआईएचटी) वर्तमान समय की मांग के अनुरूप बुनकरों के उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और उन्हें नवीतम तकनीकी से जोड़ने में मदद करेगी। आईआईएचटी वस्त्रों की डिजाइन, मार्केटिंग तथा उत्पादों के निर्माण क्षमता को बढ़ाने में सहयोग देगी।बैठक में विशेष सचिव, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग श्री शेषमणि पाण्डेय सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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