जी-20 शिखर बैठक शुरू, मोदी का गर्मजोशी से स्वागत

रोम । विश्व की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 की दो दिवसरीय वार्षिक शिखर बैठक आज यहां मेजबान इटली की अध्यक्षता में औपचारिक रूप से शुरू हुई जिसमें कोविड से वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति देने के उपायों के साथ साथ जलवायु परिवर्तन और विश्व स्तर पर कोविड टीकाकरण अभियान में सहयोग पर कदम उठाए जाने की संभावना है।जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे है। इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रूगो ने मेहमान नेताओं का स्वागत किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी के सम्मेलन स्थल पर पहुंचने पर श्री द्रूगो ने मंच से नीचे उतर कर श्री मोदी से गले मिले और बहुत गर्मजोशी से उन्हें मंच पर लाये और तस्वीर खिंचवायी।रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को छोड़ कर जी-20 के अन्य 18 सदस्य देशों के नेता शामिल हुए जिनमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन भी शामिल हैं।जी-20 की शिखर बैठक संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन समझौते के सदस्य देशों की ग्लासगो (ब्रिटेन) बैठक से ठीक पहले हो रही है। ऐसे में इसमें कार्बन उत्सर्जन को कम कर के वायुमंडल के तापमान को बढ़ने से रोकने का मसला विश्व के नेताओं के मन में प्राथमिकता पर होगा।प्रधानमंत्री यहां से ग्लासगो भी जाएंगे। मोदी ने पांच दिन की विदेश यात्रा शुरू करने से पहले अपने प्रस्थान वक्तव्य में किसी भी समझौते में कार्बन अर्थव्यवस्था को न्यायोचित स्थान दिए जाने पर बल दिया था। भारत अपनी बिजली की जरूरत के लिए अब भी कोयले पर निर्भर है जबकि पश्चिम के कुछ देश और संगठन कोयला आधारित संयंत्रों के वित्त पोषण पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे हैं। कोविड के झटके से उबर रही वैश्वक अर्थव्यवस्था को गति देने का मसला भी इस समय विश्व समुदाय के समक्ष एक बड़ा मुद्दा है।अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष की वर्ल्ड इकोनामिक आउटपुट रिपोर्ट के अनुसार 2021 में विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि 6.0 प्रतिशत और 2022 में 4.9 प्रतिशत रहेगी। कोविड-19 के कारण 2020 में कोविड महामरी और कफ्यू के बीच विश्व अर्थव्यवस्था में 4.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। कोविड टीकाकरण अभियान में वैश्विक मदद के लिए भारत कोविड के टीके और सहायक सामग्री को डब्ल्यूटीओ के व्यापार संबंघी बौद्धिक संपदा अधिकार से छूट देने पर बल दे रहा है। अफ्रीका और भारत ने इसके लिए डब्ल्यूटीओं में प्रस्ताव भी रख रखा है। भारत दुनिया में सामान्य दवाओं और टीकों का प्रमुख उत्पादक है। जी-20 में शामिल 19 देश और यूरोपीय संघ विश्व की आबादी के 60 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते है। विश्व अर्थव्यवस्था में समूह का 80 प्रतिशत योगदान है।