प्रियंका गांधी ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना

नई दिल्ली ।लंबे समय से उत्तर प्रदेश में वापसी की कोशिश में जुटी कांग्रेस हर मुद्दे पर मुखर है। पिछले दिनों प्रियंका ने लड़की हूं, लड़ सकती हूं पोस्टर जारी किया और महिलाओं को 40 टिकट की घोषणा कर दी। उन्होंने सरकार बनने पर लड़कियों को स्कूटी, स्मार्ट फोन देने की भी प्रतिज्ञा की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से भावी योजनाओं पर स्थानीय संपादक सुनील द्विवेदी, विशेष संवाददाता चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। चुनाव बस एक जरिया है। लेकिन मैं चाहती हूं कि आप महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने की घोषणा को बड़े दायरे में देखें। उप्र में जब भी महिलाओं पर अत्याचार हुआ और मैं जहां भी पीड़ितों से मिलने गई, मैंने मीडिया के माध्यम से अपनी बहनों को कहा कि आगे आओ, चुनाव लड़ो, राजनीति में भागीदारी बढ़ाओ। महिलाओं का हित सोचने वाली राजनैतिक व्यवस्था बनाने के लिए ज्यादा महिलाओं का निर्णय लेने वाली जगहों पर होना जरूरी है। भारतीय राजनीति के लिए यह एक क्रांतिकारी कदम है। इसको लेकिन, किंतु, परंतु के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि ऐसे सोचना चाहिए कि इस विचार का समय आ चुका है। मैंने इस कदम को उत्तरप्रदेश में उठाया क्योंकि मुझे यहां के बारे में निर्णय लेने की जिम्मेदारी दी गयी है। आशा है कि यह राजनीति में महिलाओं की भूमिका-भागीदारी की बड़ी लकीर खींचेगा। लड़की हूं, लड़ सकती हूं: ये महिलाओं की रोजमर्रा की जिंदगी से उपजा विचार है। आज महिलाएं पढ़ने जा रही हैं, प्लेन उड़ा रही हैं, सेना में सेवाएं दे रही हैं, खेल-कूद में मेडल ला रही हैं, प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक बन रही हैं, कम्पनियों की कमान सम्भाल रही हैं। लड़कियां हर उस रूढ़िवादिता से लड़ सकती हैं, जो उन्हें कमतर या कमजोर आंकती है। लड़की हूं, लड़ सकती हूं महिलाओं की एक पुकार है, जो महिलाओं को कह रही हैं कि तुम पीड़ित नहीं हो, तुम मजबूत हो, मजबूती पहचानो, एकजुट होकर, समाज में खुद बदलाव लाओ, भविष्य बनाओ। यह समय ही बता सकता है। लेकिन एक चीज जरूर होगी, उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का एक नया दौर शुरू होगा। मैंने अभी आपको बताया कि आगरा जाते वक्त जब मैं स्कूल की लड़कियों से मिली तब उनकी तरफ से यह विचार आया। सुरक्षा, शिक्षा के लिए लड़कियों को स्मार्ट फोन, स्कूटी की जरूरत है। यह तोहफे नहीं हैं, वोट के लिए प्रलोभन नहीं है, ये दोनों चीजें शिक्षा में मदद करेंगी और सपनों को पूरा करने की राह आसान बनाएंगी। कुछ ऐसी पार्टियां हैं, जो सोचती हैं कि एक गैस सिलेंडर देकर महिलाओं को खुश कर देंगे, उनका वोट पाएंगे। मैं कहती हूं, मेरी पार्टी तो तीन सिलेंडर देगी, यह काफी नहीं है। उनका अस्तित्व पहचानिये, सम्मान करिए, आगे बढ़ने को सुविधाएं दीजिए। मेरे पिता का पंचायती राज में महिलाओं की हिस्सेदारी ऐसा ही निर्णय था। 40 टिकट ऐसा निर्णय है,जो भविष्य बदलेगा। यूपी में किसी से भी पूछिए कि जनता के सवालों पर कौन लड़ रहा है। जवाब मिलेगा – कांग्रेस। हमारे 18700 से अधिक कार्यकर्ताओं को भाजपा सरकार ने जनता के मुद्दे उठाने के लिए दो सालों में जेल में डाला। सरकार नौजवानों, किसानों, महिलाओं , वंचित तबकों पर अत्याचार करती है तो कांग्रेस सड़क पर लड़ती है, खुद को ‘मुख्य विपक्षी दल’ बताने वाले लोग नहीं निकलते, ट्वीट कर जिम्मेदारी निभाते हैं। स्पष्ट है कि तानाशाही माहौल में खूब हिम्मत की जरूरत है। मैं नहीं मानती कि आज, बीएसपी और सपा में यह हिम्मत है। यूपी में कांग्रेस मजबूत करनी होगी।