नई दिल्ली। मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी डेंगू एक प्रकार से जानलेवा बीमारी है जिसका एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी तीनों में इलाज है। इसके अतिरिक्त कुछ घरेलू नुस्खे हैं जिनको प्रयोग में लाने से इससे बचा जा सकता है।आयुर्वेद में मरीज की इम्युनिटी बढ़ाते हुए उसे पॉजिटिव से जल्दी निगेटित किया जा सकता है। डेंगू हैमेरेजिक फीवर में यह सम्भव नहीं है। एक लाख तक प्लेटलेट्स काउंट रहने पर मैनेज हो सकता है। अगर प्लेटलेट्स घटकर 30-40 हजार रह जाती है तो पूरी तरह से आयुर्वेद ट्रीटमेंट पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। गिलोय और पपीते का पत्ते का जूस लें, जिससे प्लेटलेट्स कम नहीं हो पाएं। साथ ही प्लेटलेट्स के लिए मेथी के पत्ते का जूस लें।रात में मेथी दाना भिगो दें। सुबह इस पानी को उबाल लें। इसे ठंडा करके दिनभर मरीज को पिलाते रहें। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। रोजाना तुलसी पत्ते लेने से बुखार में आराम मिलेगा। एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी पिएं। इसके साथ गुड भी ले सकते हैं। हल्दी एंटी कॉग्लेंट की तरह काम करते हुए ब्लड को बांधता है। इससे प्लेटलेट्स बढ़ती हैं। अमरूद के ताजे पत्ते का रस, मुनक्का, सौंठ भी असरदायक हैं। मालूम हो कि मौसम के बदलाव के साथ ही डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा होने लग जाता है। डेंगू वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर ज्यादातर उन स्थानों पर पैदा होता है जहाँ पर पानी लगातार इकट्ठा होता रहता है। विशेष रूप से घर की छत्त पर इकट्ठा वो सामान जिसमें पानी भरने की गुंजाइश होती है। जैसे खाली डिब्बे, बोतलें, गाड़ी के पुराने टायर और कूलर। कूलर के पानी में सबसे ज्यादा मच्छर पैदा होते हैं। कूलर के पानी को रोज खाली नहीं किया जाता है। बचे हुए पानी में और पानी भर दिया जाता है।
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