गंगा नदी की पवित्रता बनाए रखना समाज की है जिम्मेदारी:राज्यपाल आरिफ मोहम्मद

प्रयागराज।यंग लाॅयर्स एसोसिएशन, हाईकोर्ट द्वारा ‘‘मोक्षदायिनी मां गंगा की अविरल एवं निर्मल धारा व इसकी संरक्षा’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र में किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में माननीय राज्यपाल, केरल आरिफ मोहम्मद खान ने प्रतिभाग किया। मा0 न्यायमूर्ती सुधीर अग्रवाल, सदस्य नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मा0 राज्यपाल केरल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने सम्बोधन में मोक्षदायिनी मां गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाये रखने के लिए सभी लोगो से अपील की व सभी से इस कार्य में सहयोग का आह्वाहन किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न तरीके से मां गंगा प्रदूषित हो रही है, जिसमें सिर्फ विकास ही एक कारक नहीं है बल्कि हमारे-आपके द्वारा भी लगातार मां गंगा को प्रदूषित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सबको यह प्रण लेना चाहिए कि न तो हम मां गंगा को प्रदूषित करेंगे और न ही अपने सामने किसी और को प्रदूषित करने देंगे। हमें यह समझना होगा कि पृथ्वी से हमें उतना ही लेना चाहिए, जितना हम वापस कर सकें। मा0 राज्यपाल जी ने कहा कि सिर्फ सरकार व एजेंसियों को कोसने से ही गंगा की सफाई नहीं हो जायेंगी बल्कि हमें खुद भी मां गंगा की अविरलता को बनाये रखने के लिए निःस्वार्थ भाव से गंगा जी की स्वच्छता के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने गंगा के किनारों पर बसने वाली आबादी से मां गंगा को स्वच्छ, निर्मल बनाने में साथ आने के लिए कहा, तभी गंगा की सफाई के कार्य में शत-प्रतिशत सफलता मिल पायेंगी। इस अवसर पर मा0 न्यायमूर्ती सुधीर अग्रवाल, सदस्य नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि जिस प्रकार लोग अपने घरों की साफ-सफाई निरंतर करते है, उसी प्रकार से हमें मोक्षदायिनी मां गंगा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए निरंतर साफ-सफाई का कार्य करना है। उन्होंने कहा कि हमें इस पर विचार करना होगा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये बिना विकास के कार्य कैसे कराये जा सकते है। उन्होंने कहा कि यह हमारा देश है और हमारी ही गंगा है, इसलिए इसे हमकों और आपको ही बचाना होगा। आज हम सब को यह प्रण लेना होगा कि हफ्ते में एक बार मां गंगा ही नहीं, जो भी आपके आस-पास पानी के श्रोत हो, वहां पर साफ-सफाई करेंगे। इस अवसर पर नरेश चन्द्र राजवंशी, वरिष्ठ अधिवक्ता इलाहाबाद हाइकोर्ट ने भी अपने विचार रखें। इस अवसर पर संतोष कुमार त्रिपाठी, जे0बी0 सिंह, डाॅ0 संतोष जैन, अधिवक्तागणों के अलावा अन्य लोग उपस्थित रहे।