नई दिल्ली । कोरोना वायरस के मामले कम होने के साथ ही वर्क फ्रॉम घर का कल्चर भी अब धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है।कुछ कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम कल्चर अभी भी है लेकिन कंपनियां अब इसे भी सीमित करने जा रही हैं।वर्क फ्रॉम होम के तहत अभी तक कर्मचारी को कहीं से भी काम करने की छूट थी।लेकिन अब कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सहूलियत तो दे रही हैं लेकिन इस शर्त के साथ कि उन्हें उसी शहर में आकर काम करना होगा जहां उनकी नियुक्ति हुई है। डेलॉइट सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार, केवल 12 फीसदी कंपनियां कर्मचारियों को किसी भी शहर से स्थाई आधार पर काम करने का विकल्प देने की योजना बना रही हैं।आईटी और आईटीईएस क्षेत्र को छोड़कर अधिकांश उद्योग रिमोट वर्किंग की अनुमति देने के इच्छुक नहीं हैं।इस सर्वे में कंपनियों ने बताया कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को मूल स्थानों पर आकर काम करवाने की इच्छुक हैं।क्योंकि हार्डवेयर इन्फ्रा, डेटा गोपनीयता, बेहतर उत्पादकता और कर्मचारियों के साथ संबंध जैसे मुद्दों को देखते हुए कर्मचारियों का उसी शहर में आकर काम करना बेहतर होगा जहां उनकी नियुक्त हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पहले कहा था कि वह 2021 के अंत तक अपने सभी कर्मचारियों को कार्यालयों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगी।हाइब्रिड वर्कप्लेस मॉडल यानी आधुनिक कार्यस्थल, काम करने के स्पेस का यह मॉडल काफी लोकप्रिय हो रहा है।यह काम करने का एक ऐसा मॉडल है जहां कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार ऑफिस से दूर मगर बिल्कुल ऑफिस जैसे माहौल तथा सुविधाओं में काम करता है।हाईब्रिड वर्कप्लेस में आपको सुविधा के अनुसार फर्नीचर, तमाम तकनीकी सुविधाएं आदि मिलती हैं।बता दें कि कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन जैसा कड़ा कदम उठाया गया था।ऐसे में तमाम कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम सिस्टम लागू किया।उन्होंने अपने कर्मचारियों को घर से ही ऑफिस का काम करने की सहूलियत दी थी।इस सहूलियत से लॉकडाउन के दौरान भी तमाम काम होते रहे।और एक बड़े वर्ग को रोजगार मुहैया होता रहा था।अब जब तमाम सरकारी और प्राइवेट ऑफिस और कंपनियां खुल गई हैं।उनके कर्मचारी ऑफिस आकर काम कर रहे हैं।जिन कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम सिस्टम अपनाया हुआ है, वे भी अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने पर विचार कर रही है।हालांकि ज्यादातर कर्मचारी भी ऑफिस आकर काम करने के पक्ष में हैं।लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने पिछले डेढ़ साल में इस सुविधा को एक आदत में भी तब्दील कर लिया है और अब उन्हें घर से काम करना ज्यादा सुविधाजनक लगता है। मालूम हो कि कोरोना महामारी के चलते लगे लंबे लॉकडाउन के बाद अब हालात सामान्य हो चले हैं। तमाम आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौट रही हैं। फैक्टरी, बाजार अपनी पूरी क्षमता के साथ खुल गए हैं और ट्रेन तथा बसें भी पूरी क्षमता के साथ दौड़ रही हैं।
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