बहराइच। ताइवान पक अमरूद की विशेषता और कृषकों की आय दुगनी करने के उद्देश्य से उद्यान विभाग ने ०२ वर्षों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत भारत सरकार एवं राज्य सरकार की मंशानुरूप कृषकों की आय दुगनी करने के उद्देश्य से ग्राम जादौपुर, गजपतिपुर, वि.ख.-तेजवापुर, ग्राम-सोहरवा, रायपुर, वि.ख.-चित्तौरा, ग्राम-वैवाही, वि.ख.-बलहा, ग्राम-रामपुर धोबायाहार वि.ख.-शिवपुर आदि ग्रामों में लगभग २०७७५ पौधों का रोपण कृषक प्रक्षेत्रों पर कराया है। इसकी खेती से कम लागत और कम समय में अन्य फसल की अपेक्षा कृषकों को कई गुना अधिक लाभ प्राप्त हो रही है। योजना प्रभारी आर.के.वर्मा ने बताया कि जनपद में अमरूद की खेती बड़े पैमाने पर होती है, परन्तु ताइवान पक अमरूद की विशेषता के दृाष्टगत जनपद के कृषक इसकी खेती बढ़-चढ़कर कर रहें है। विभाग द्वारा कृषकों को योजनान्तर्गत जारी दिशा-निर्देशानुसार अनुदानित भी किया जा रहा है। ताइवान िंपक अमरूद की विशेषता यह है कि इसका पौधा एक फिट की ऊँचाई पर फल देने लगता है। इसके पौधे में बार महीने पूâल और फल लगते हैं। पौधा लगाने के ६ महीने बाद इसमें फल आने शुरू होते हैं और एक बीघा की खेती कर सालाना ७ लाख रूपये तक कमा सकते हैं। र्सिदयों के मौसम में यदि अमरूद नही खाए तो समझो कुछ नहीं खाया। आजकल अमरूदों में भी कई प्रकार की किस्में आती हैं। जिनमें ताइवान पक अमरूद का अत्यधिक प्रचलन हे। यह जनपद में किसानों के लिए कमाई का अच्छा जरिया बनता जा रहा है। कई राज्यों में इसके उन्नत किस्मों की खेती हो रही है और किसानों को बहुत कम मेहनत और पैसे में अच्छा मुनाफा दे रही है।
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