कोर में 66वां रेल सप्ताह समारोह आयोजित

मुख्यालय और परियोजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले रेल कर्मी महाप्रबन्धक द्वारा पुरस्कृत

प्रयागराज । प्रयागराज स्थित केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण (कोर) संगठन प्रति वर्ष अप्रैल माह में रेल सप्ताह समारोह का आयोजन करती है। जिसमें पिछले वर्ष के दौरान श्रेष्ठत्तम उपलब्धियों को हासिल करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को महाप्रबन्धक द्वारा पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।कोविड महामारी की दूसरी लहर के कारण इस वर्ष इसके आयोजन में विलम्ब हुआ पर 21 अक्टूबर को कोर मुख्यालय में इसका धूमधाम से आयोजन किया गया।

इस अवसर पर महाप्रबन्धक कोर यशपाल सिंह द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले 16 अधिकारियों एवं 53 कर्मचारियों को महाप्रबन्धक द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गये। इसके अतिरिक्त विभिन््ना परियोजनाओं को शील्ड भी प्रदान की गई। समारोह के प्रारम्भ में महाप्रबन्धक यशपाल सिंह एवं अध्यक्षा महिला कल्याण संगठन श्रीमती रचना सिंह को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर कोर के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष तथा परियोजनाओं के मुख्य परियोजना निदेशक और सभी अधिकारी एवं कर्मचारी इस समारोह में सम्मलित हुए ।

केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन वर्तमान में, सम्पूर्ण भारत में 9 परियोजनाओं-अम्बाला, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, सिकंदराबाद एवं बेंगलुरु के माध्यम से भारतीय रेल के ब्रॉड गेज रूटों को विद्युतीकरण करने का कार्य मिशन मोड पर कर रहा है ।

महाप्रबन्धक महोदय ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्ष 2020-21 में कोर को विद्युतीकरण के लिए एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य मिला था जिसे स्वीकार करते हुए कोविड महामारी के बावजूद कोर ने 2860 रूट किलोमीटर विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त किया। इस दौरान कटनी-सतना जैसे महत्वपूर्ण खण्ड का विद्युतीकरण किया गया जिससे हावड़ा से मुम्बई (वाया प्रयागराज) की ओर एक अतिरिक्त (वैकल्पिक) विद्युतीकृत मार्ग की प्राप्ति हुई। इसी प्रकार बस्सी-जयपुर-कनकपुरा खण्ड का विद्युतीकरण होने से नई दिल्ली से जयपुर तक एक सीधे विद्युतीकृत मार्ग की प्राप्ति हुई। इटावा-उडी- भाण्डई खण्ड के विद्युतीकृत होने से प्रयागराज से आगरा होते हुए राजस्थान की ओर जाने के लिए एक मार्ग उपलब्ध हो सका है जो देश के पूर्वी भाग से चलने वाली यात्री गाड़ियों के समय में अपार बचत होगी। चितौड़गढ़-कोटा जैसे महत्वपूर्ण खण्ड का विद्युतीकरण हो जाने से दिल्ली से उदयपुर तक की गाड़ियों का परिचालन विद्युत इंजनों द्वारा निर्वाध रूप से संभव हुआ है। लामटा-समनापुर खण्ड के विद्युतीकरण होने से दक्षिण भारत की ओर जाने वाली गाड़ियों के मार्ग में 266 रूट किलोमीटर की कमी आएगी जिससे यात्रियों के 5 से 6 घंटे समय की बचत होगी एवं ढोला-पिपवाव पोर्ट खण्ड के विद्युतीकृत होने से भारतवर्ष में पहली बार अहमदाबाद से पिपवाव पोर्ट तक हाई राइज ओएचई मार्ग पर डबल-स्टेक मालगाड़ी का परिचालन प्रारम्भ हुआ है। पुरस्कार वितरण के क्रम में सर्वप्रथम सर्वाेत्तम परियोजना शील्ड–लखनऊ परियोजना को, सर्वोत्तम परियोजना (दूसरी)-दानापुर परियोजना, बिजली शील्ड-लखनऊ परियोजना को, सिग्नल एवं दूरसंचार शील्ड-लखनऊ परियोजना को, भण्डार शील्ड एवं इंजीनियरीग की शील्ड -लखनऊ परियोजना को, विशेष उपलब्धि-सिकंदराबाद एवं अहमदाबाद को, लेखा विभाग की शील्ड एवं कार्मिक विभाग की शील्ड–अहमदाबाद परियोजना एवं राजभाषा की शील्ड– जयपुर परियोजना को प्रदान की गई।

इस अवसर पर महाप्रबन्धक ने कहा कि हम सभी रेल कर्मियों को भारतीय रेल की 168 वर्षों की गरिमामयी विकास यात्रा पर अत्यंत गर्व है। इन वर्षो में रेलवे ने समय के साथ परिवर्तन करते हुए एक लम्बी यात्रा तय की है। हर प्रकार की नई तकनीकी द्वारा अपने को विद्युतीकरण के कार्य में परिमार्जित एवं अद्यतन किया है । विद्युतीकरण को प्रगति के इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए हमारे सभी कर्मठ रेल कर्मियों ने हर परिस्थिति में अतुलनीय तथा अथक योगदान दिया है। रेल विद्युतीकरण के सभी रेल कर्मियों द्वारा किये गये उल्लेखनीय योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने हेतु आज इस वार्षिक रेल समारोह के अवसर पर हम अपने कर्मठ तथा प्रतिबद्ध रेल कर्मियों को उनके द्वारा निष्पादित उत्कृष्ट कार्यो के लिए सम्मानित करने हेतु एकत्रित हुए है। इन पुरस्कृत अधिकारियों व कर्मचारियों से अपेक्षा है कि भविष्य में इनके कार्य-निष्पादन व प्रयासों में और भी निखार आयेगा मुझे विश्वास है कि इन सम्मानित रेल कर्मियों से इनके सहकर्मी प्रेरित होंगे तथा अपने कार्य-क्षेत्र में उच्चतम सोपान प्राप्त करने हेतु प्रयास करेंगे।

वर्ष 2020-21 के प्रारम्भ में विद्युतीकरण के लिए निर्धारित लक्ष्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण था, फिर भी रेल विद्युतीकरण के कर्मचारियों तथा अधिकारियों ने एक जुट होकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इसमें कर्मचारी यूनियन तथा अधिकारी फेडेरेशन का सहयोग भी प्रशंसनीय रहा है । महिला समिति द्वारा समय-समय पर कर्मचारियों व उनके आश्रितों के प्रोत्साहन हेतु किये गए कार्य भी सराहनीय रहे। अन्त में सभी रेल कर्मियों का कोविड-19 महामारी जैसी विषम परिस्थिति में दिए गए योगदान की प्रशंसा की और कहा की मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम सभी आपसी समन्वय से भविष्य में भी लक्ष्य को प्राप्त कर नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे तथा राष्ट्र के विकास यात्रा में अपना अमूल्य योगदान देंगे।